आयुक्त सचिव सहकारिता विभाग यशा मुद्गल और सचिव जनजातीय मामले विभाग, डॉ. शाहिद इकबाल चैधरी ने आज जनजातीय समुदायों के कल्याण हेतु नई सहकारी समितियों के निर्माण के तौर-तरीकों पर चर्चा हेतु एक संयुक्त बैठक की अध्यक्षता की।
जनजातीय कार्य विभाग द्वारा इसकी प्रमुख योजनाओं और फंडिंग पैटर्न पर प्रकाश डालते हुए एक औपचारिक प्रस्तुति दी गई। बैठक में बताया गया कि जनजातीय कार्य विभाग जनजातीय समुदायों की आजीविका को बढ़ावा देने हेतु प्रधानमंत्री वन धन योजना लागू कर रहा है।
योजना के तहत पहचाने गए उत्पादों के मूल्यवर्धन के लिए सहकारी समितियों को शामिल किया जाएगा। यह निर्णय लिया गया कि आदिवासी आबादी वाले क्षेत्रों में पहले से मौजूद सहकारी समितियों को पहले चरण में 100 वन धन विकास केंद्रों की स्थापना हेतु लक्षित किया जाएगा, जो बाजार लिंकेज के आधार पर वस्तुओं का चयन करेंगे और साथ ही ऐसी और सोसायटियों को एक फास्ट ट्रैक आधार पर पंजीकृत किया जाएगा।
सहकारिता विभाग के आयुक्त सचिव ने विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को जनजातीय कार्य विभाग के साथ मिलकर काम करने के अवसरों के अधिकतम उपयोग हेतु पूरे जोश के साथ काम करने पर जोर दिया। नोडल अधिकारी, जनजातीय अनुसंधान संस्थान, जम्मू-कश्मीर, डॉ. अब्दुल खबीर ने उन क्षेत्रों के मूल तथ्यों को प्रस्तुत किया जहाँ दोनों विभागों के बीच अभिसरण संभव है।
यह भी निर्णय लिया गया कि दोनों विभाग लिए गए निर्णयों के कार्यान्वयन हेतु रोड मैप की रूपरेखा तैयार करते हुए एक औपचारिक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करेंगे। बैठक के दौरान बताया गया कि जनजातीय कार्य विभाग केंद्रीय ऊन विकास बोर्ड के साथ एक अन्य अग्रणी परियोजना पर काम कर रहा है, जहां सहकारी समितियों को ऊन और अन्य उत्पादों के विपणन और प्रचार हेतु बेहतर लाभ दिया जाएगा।
इसके अलावा, यह भी निर्णय लिया गया कि कारीगरों की पहचान सहकारिता विभाग के माध्यम से की जाएगी जिन्हें ट्राइफेड के पैनल में शामिल किया जाएगा। बैठक में सहकारिता समिति के पंजीयक मोहम्मद अकबर वानी, जनजातीय कार्य विभाग के सचिव मोहम्मद हरून, निदेशक जनजातीय कार्य मुशीर अहमद मिर्जा, संयुक्त निदेशक योजना, उप पंजीयक और दोनों विभागों के अन्य अधिकारी/कर्मचारी शामिल हुए।