नोबल पुरस्कार विजेता सर मिशेल मेयर ने कहा, "इस ब्रह्मांड में मानव जाति का विकास केवल इसलिए संभव हुआ है क्योंकि हमारे पास प्रश्न पूछने की क्षमता है। एक छात्र के रूप में आपको जिज्ञासु होने या जिज्ञासु होने के अनूठे शिक्षण उपकरण को कभी नहीं छोड़ना चाहिए। ब्रह्मांड की तरह, हमारा जीवन अनसुलझे रहस्यों से भरा पड़ा है और इसलिए सीखने का सही तरीका यही है कि ऐसी समस्याओं या रहस्यों का समाधान खोजने का प्रयास करें "
सर मिशेल मेयर वार्षिक दीक्षांत समारोह के दौरान बोल रहे थे जो चंडीगढ़ विश्वविद्यालय के परिसर, घडूँआ में 2021 बैच के विज्ञान और कंप्यूटर एप्लीकेशन छात्रों के लिए आयोजित किया गया था।
डिग्री वितरण समारोह के दौरान, 13 कंप्यूटिंग और विज्ञान/ साईंस प्रोग्रामों में 2022 बैच के कुल 890 छात्रों को डिग्री प्रदान की गई। इसके साथ ही विभिन्न पाठ्यक्रमों में अग्रणी/ आगे रहने वाले 13 मेधावी छात्रों को स्वर्ण पदक/ गोल्ड मैडल से सम्मानित किया गया। इस मौके पर चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के प्रो-चांसलर डॉ. आर.एस. बावा सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।
छात्रों और अभिभावकों को संबोधित करते हुए, नोबल पुरस्कार विजेता मिशेल मेयर ने कहा, "दुनिया तेजी से बदल रही है और इसलिए आपको दुनिया के बदलते परिवेश और घटनाओं के साथ तालमेल बिठाना होगा। हमें यह समझना होगा कि आज हम जहां हैं, वहाँ प्रौद्योगिकी ने हमें वर्तमान स्थिति तक पहुंचने में मदद की है। आज हम यहां कितने भी उन्नत क्यों न हों, लेकिन मानव जाति के शुरुआती युग में वैज्ञानिकों द्वारा विकसित की गई प्राचीन तकनीकों के कारण ही हम विज्ञान के हर क्षेत्र में प्रगति करने में सक्षम हुए हैं।"
उन्होंने आगे कहा कि, "एस्ट्रो-भौतिकी के मेरे कार्यक्षेत्र में, यह तकनीक के कारण है कि हम अपने ब्रह्मांड के कुछ अजूबों को जानते हैं। मेरे विचार से हम ब्रह्मांड के बारे में 5 प्रतिशत जानने में सक्षम हैं जबकि 95 प्रतिशत अभी भी एक रहस्य है जिसका अर्थ यह भी है कि आप जैसे युवा और नवोदित छात्रों के लिए आकाश में खोज करने की बहुत संभावनाएं हैं।
यह गौरतलब है कि प्रोफेसर मिशेल मेयर ने 1995 में डिडिअर कोएलोज़ के साथ मिलकर 51 पेगासी बी (सूर्य के समान एक तारे) की खोज की थी, जो 51 पेगासी परिक्रमा करने वाला पहला असाधारण ग्रह था। इस प्राप्ति/उपलब्धि के लिए, 2019 में उन्हें एक सूर्य के समान तारे की परिक्रमा करने वाले एक्सोप्लैनेट की खोज के लिए भौतिक विज्ञान में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
प्रो. मिशेल फ्रेंच एकेडमी ऑफ साइंसेज, यूनाइटेड स्टेट नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज़ और अमेरिकन एकेडमी ऑफ आर्ट्स एंड साईंसज़ के विदेशी सहयोगी सदस्य हैं और इंग्लैंड की रॉयल एस्ट्रोनॉमिकल सोसायटी और यूरोपीय जियोसाईंस/भूविज्ञान संघ के मानद फेलो भी हैं।चंडीगढ़ विश्वविद्यालय ने प्रोफेसर मेयर को भौतिकी के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए डॉक्टरेट की मानद उपाधि से भी सम्मानित किया।
इससे पहले, प्रो मेयर ने 2022 बैच के 890 छात्रों को डिग्री प्रदान की, जिसमें विज्ञान में विभिन्न स्नातक कार्यक्रमों से 663 और बैचलर ऑफ कंप्यूटर एप्लीकेशन (बीसीए) कार्यक्रम से 227 छात्र शामिल हैं। विभिन्न पाठ्यक्रमों में अग्रणी रहने वाले /टॉप करने वाले; ऋतिक प्रकाश, देबाशीष हेम्ब्रम, सुजीत कुमार, समीर सूत्रधर, अनीशा घले, गुरप्रीत कौर, प्रियंका कुमारी, समरजीत सिंह, मोनिष्का चावला, अंजलि, नेहमत सलारिया, रितिका त्यागी और पृथिश रॉय; तेरह मेधावी छात्रों को स्वर्ण पदक से सम्मानित भी किया गया।
दीक्षांत समारोह में बैचलर ऑफ कंप्यूटर एप्लीकेशन (बीसीए) के 227 छात्रों के साथ-साथ, बीएससी- कंप्यूटर साइंस से 20, बीएससी-मेडिकल लैब टेक्नोलॉजी से 46, विज्ञान में 12 स्नातक पाठ्यक्रमों सहित, बीएससी-बायोटेक्नोलॉजी से 94, बीएससी-एग्रीकल्चर (ऑनर्स) से 178, बीएससी- नॉन-मेडिकल से 43, बीएससी-मेडिकल से 23, इंटीग्रेटेड बीएससी-बीएड से 41, बीएससी-न्यूट्रिशन एंड डायटेटिक्स से 48, बीएससी-केमिस्ट्री (ऑनर्स) से 34, बीएससी-फिजिक्स (ऑनर्स) से 47, बैचलर ऑफ ऑप्टोमेट्री से 38 और बैचलर ऑफ फार्मेसी से 51 छात्रों को डिग्री प्रदान की गई।
इस अवसर पर बोलते हुए, चंडीगढ़ विश्वविद्यालय के प्रो-चांसलर डॉ. आर.एस. बावा ने उत्तीर्ण छात्रों को बधाई दी और उनके भविष्य के प्रयासों के लिए शुभकामनाएंदेते हुए कहा, "जैसा कि आप अपनी पेशेवर/व्यावसायिक यात्रा शुरू कर रहे हैं, तो आपसे यह अपेक्षा की जाती है कि आप सभी अपने ज्ञान का उपयोग अपने जुनून को बढ़ावा देने और महान चीजें बनाने के लिए करेंगे, अंततः इस दुनिया को रहने के लिए एक बेहतर जगह बनाएंगे। वह करें जो आप सबसे अच्छा करते हैं, और दुनिया में अपनी एक जगह बनाएं" उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि विश्वविद्यालय के स्नातक छात्र अपने समर्पण, प्रतिभा और कड़ी मेहनत से देश के विकास में योगदान देंगे।