डिप्टी कमिश्नर संदीप हंस ने कृषि व अलग-अलग विभागों के अधिकारियों के साथ खरीफ की धान की फसल के अवशेषों के अग्रिम प्रबंधों को लेकर आज जिला प्रशासकीय कांप्लेक्स में बैठक की, जिसमें किसानों की ओर से पराली, फसलों के अवशेषों को आग लगाने से रोकने के लिए अलग-अलग मुद्दों पर विचार किया गया।
डिप्टी कमिश्नर ने हिदायत करते हुए कहा कि पराली को आग लगाने के नुकसान संबंधी पंजाब सरकार के एक्शन प्लान अनुसार किसानों को अधिक से अधिक जागरुक किया जाए।
उन्होंने कहा कि जिले के 1413 गांवों में पराली प्रबंधन संबंधी जागरुकता फैलाने व आग लगाने की घटनाओं को रोकने के लिए अलग-अलग विभागों के 81 कलस्टर अधिकारी व 193 नोडल अधिकारी नियुक्त किए गए हैं।उन्होंने किसानों को अपील करते हुए कहा कि कृषि व किसान कल्याण विभाग की ओर से पिछले वर्षों के दौरान पराली प्रबंधन के लिए दी गई मशीनरी का अधिक से अधिक प्रयोग किया जाए, ताकि खेतों में ही फसलों के अवशेषों का निपटारा किया जा सके। उन्होंने कहा कि पराली की गांठे बनाने वाली बेलर मशीनों का भी अधिक से अधिक प्रयोग करना यकीनी बनाया जाए।
इसके अलावा सी.आर.एम. स्कीम के अंतर्गत सब्सिडी पर किसानों को उपलब्ध करवाई मशीनरी, बायोमास प्लांट व गत्ता फैक्ट्री की ओर से खरीदी जाती पराली संबंधी भी किसानों के अंदर जागरुकता फैलाई जाए। बैठक के दौरान श्री संदीप हंस ने कृषि विभाग की ओर से जिले में अलग-अलग तरीकों से किए जाने वाले पराली प्रबंधन का जायजा भी लिया।
उन्होंने कहा कि फसलों के अवशेषों का जमीन में ही प्रबंधन करने के लिए कस्टम हायरिंग सैंटरों के पास आधुनिक मशीनरी उपलब्ध है, जिस संबंधी कोई भी जानकारी अपने नजदीकी ब्लाक कृषि अधिकारी से संपर्क कर प्राप्त की जा सकती है। इस मौके पर मुख्य कृषि अधिकारी डा. गुरदेव सिंह के अलावा कृषि व अन्य विभागों के अधिकारी भी उपस्थित थे।