भाजपा की सरकार बनने के बाद महबूबा मुफ्ती की राह कभी आसान नहीं रही है। ये बात भी सच है कि महबूबा का प्यार पाकिस्तान के लिए समय-समय पर बाहर आता रहा है। अब एक बार फिर जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती पाकिस्तान का राग अलाप रही हैं। मुफ्ती ने शुक्रवार को कहा कि घाटी में केंद्र की मोदी सरकार भले ही कितनी भी फौज ले आएं, इससे कोई फायदा नहीं होने वाला। जम्मू कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान से बात करनी ही पड़ेगी।
महबूबा का कहना है कि बिना पाकिस्तान से बात किए कश्मीर के मुद्दे को नहीं सुलझाया जा सकता। वहीं महबूबा ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार कश्मीर को बर्बाद कर रही है। मुस्लिम मेजॉरिटी स्टेट होने की वजह से केंद्र सरकार हमारा वजूद खत्म करना चाहती है। हमें हर तरफ से कमजोर करने की कोशिश की जा रही है।
महबूबा ने हाल में घटी सांप्रदायिक हिंसा को लेकर भी केंद्र सरकार घेरा। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में तो मजहब के नाम पर लोगों को बंदूक थमा दी गई। उनका आज भी बुरा हाल है। दुनिया में पाकिस्तान को कोई नहीं पूछ रहा। लेकिन हमनें क्या किया। भारत में क्या हुआ? लोगों को हिन्दू-मुस्लिम के नाम पर लड़ाया जा रहा है। धर्म के नाम पर लोगों के हाथों में बंदूकें और तलवारें दी जा रही है। देश की ये स्थिति बिलकुछ भी ठीक नहीं है। हालात गंभीर है जिन्हें जल्दी कंट्रोल नहीं किया गया तो और गंभीर हो जाएंगे।
महबूबा यहीं नहीं रुकीं। देश में मस्जिदों में लाउडस्पीकर को लेकर चल रहे विवाद पर भी महबूबा ने अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि पहले हिजाब फिर लाउडस्पीकर आया। कुछ दिन बाद हलाल का मुद्दा उठा दिया जाएगा। अल्पसंख्यकों को हर जगह निशाना बनाया जा रहा है। उनके घरों पर बिना मतलब के बुलडोजर चलाए जा रहे हैं। यही चलता रहा तो लोगों में नफरत फैलना लाजमी है।
आजतक की रिपोर्ट के अनुसार मुफ्ती ने कहा कि AFSPA की वजह से घाटी के लोग परेशान हो गए हैं। सेंट्रल फोर्स को मिली स्पेशल पावर के बावजूद भी आतंकी घटनाओं पर लगाम नहीं लग पा रहा है। आम लोगों के अलावा सरपंच और राजनीतिक दलों के नेता आए दिन गोलियों के शिकार हो रहे हैं। मेरे मुताबिक हमारे घर में ही कमी है, कहीं ना कहीं हम ही फेल हो रहे हैं। पास होना है तो शांति चाहिए, और शांति के लिए पाकिस्तान से कश्मीर मुद्दे पर बात करनी ही होगी।