जहांगीरपुरी हिंसा के बाद एक ओर राजनीति तेज हो गई है तो दूसरी ओर नेता विवादिन बयान दे रहे हैं। हिंदूवादी नेता साध्वी प्राची ने एक बार फिर विवादित बयान दिया है। मुजफ्फरनगर में उन्होंने कहा कि हिंदुओं की चार धाम यात्रा में किसी भी मुस्लिम के आने-जाने पर पूरी तरह से प्रतिबंध होना चाहिए। जब आप हज करने के लिए जाते हैं तो वहां पर गैर-मुस्लिम प्रवेश नहीं कर सकता। इसी तरह ईसाई धर्म के धार्मिक स्थल पर गैर-ईसाई प्रवेश नहीं कर सकते हैं। अब संत समाज मांग करता है कि हिंदुओं की चार धाम यात्रा पर गैर-हिंदू का प्रवेश नहीं होना चाहिए।
साध्वी प्राची ने दिल्ली की जहांगीरपुरी हिंसा पर भी बयान दिया। दरअसल साध्वी प्राची से शोभायात्राओं पर पथराव की घटना से जुड़ा सवाल किया गया। तो उन्होंने कहा, ये हिंदुओं के लिए चिंता का विषय है कि कोई भी त्योहार हो उसपर जो भव्य यात्राएं निकालते हैं, अभी तो केवल वो 20 फीसदी हैं, तो पत्थरबाजी करते हैं। लेकिन जब वो 50 प्रतिशत हो जाएंगे तो हिंदुओं की शव यात्रा भी निकलनी मुश्किल हो जाएगी। इसलिए यह हिंदू समाज के लिए चिंता का विषय है।
साध्वी प्राची ने कहा कि वो उत्तराखंड के मुख्यमंत्री को धन्यवाद देती हैं। उन्होंने बहुत अच्छा काम किया। दरअसल, उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को कहा है कि चार धाम यात्रा में आने वाले लोगों का पहले सत्यापन कराया जाएगा। धामी ने यह बयान संतों की उस मांग के बाद दिया था। जिसमें उन्होंने कहा था कि चार धाम क्षेत्र में गैर-हिंदुओं का प्रवेश प्रतिबंधित किया जाए।
साध्वी यहीं नहीं रुकी, उन्होंने ओवैसी के बयान पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि अब हैदराबाद से एक नेता की आवाज भी उठी है। वो कह रहा है कि एक ही संप्रदाय के लोगों पर शिकंजा कसा जा रहा है। ओवैसी बताएं इस देश को जब पत्थर मारने वाला अब्दुल है, अफजल है, जाकिर है, तो कार्रवाई तो उन्हीं पर होगी न। जो भी गुनाह करेगा उसे सजा मिलेगी और ऐसों को सजा मिलनी भी चाहिए।
साध्वी प्राची ने हिंसा करने वालों के लिए फांसी की मांग करते हुए कहा कि ये बहुसंख्यक देश है। हिंदुओं के त्योहारों पर इस तरह की घटनाएं होना बहुत शर्मनाक है।