जहांगीरपुरी में हुई हिंसा के बाद हालात कुछ सामान्य नहीं लग रहे हैं। कुछ लोगों ने अभी भी मन में बदले की आग पाल रखी है। जी हां अयोध्या में मस्जिद के बाहर आपत्तिजनक चीजें और पवित्र ग्रंथ के पन्ने फेंककर ईद से पहले अयोध्या का माहौल बिगाड़ने को पूरी साजिश रची जा रही थी। लेकिन अयोध्या में पुलिस की सर्तकता और समाज की समझदारी ने एक बड़ी साजिश को नाकाम कर दिया है।
पुलिस ने इस मामले में 7 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपियों ने पुलिस पूछताछ में खुलासा किया है कि दिल्ली के जहांगीरपुरी में हनुमान जयंती के दिन शोभायात्रा पर हुए पथराव का बदला लेने के लिए ईद की खुशी में खलल डालना चाहते थे। पुलिस अब मुख्य साजिशकर्ता महेश मिश्रा समेत सभी आरोपियों के खिलाफ NSA लगाने की तैयारी में है।
हिंदुस्तान की रिपोर्ट के अनुसार अयोध्या परिक्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक कवीन्द्र प्रताप सिंह व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक शैलेश कुमार पाण्डेय ने बताया कि मंगलवार की देर रात शहर की दो मस्जिदों के सामने सड़क पर आपत्तिजनक पोस्टर, वस्तु और पवित्र ग्रंथ की प्रति डालकर दंगा फैलाने की कोशिश की गई थी। पूरी घटना सीसीटीवी में कैद हो गई है।
ऐसे रचा गया पूरा खेल-
वारदात को अंजाम देने वालों ने बाकायदा इस कार्य के लिए चार दिन पहले ही पूरी तैयारी कर ली थी। उन्होंने खुलासा करते हुए बताया कि सात आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। जबकि चार फरार हैं। आरोपी बृजेश के घर पूरी साजिश रची गई। लालबाग स्थित एक दुकान से फ्लैक्स और पम्पलेट खरीदी। प्रत्युष नाम के आरोपी ने चौक से पवित्र ग्रंथ की दो कॉपियां खरीदी। राजा गली से जालीदार टोपी खरीदी गई। आकाश ने आपत्तिजनक वस्तु को उपलब्ध कराया। 26 की रात दस बजे सभी नाका स्थित एक ढ़ाबे पर जमा हुए। खाना खाया। बृजेश के घर पहुंचकर आपत्तिजनक लेख तैयार किए गए। जांच को भटकाने के लिए सभी ने अपना भेष बदल लिया था।
क्या हुआ था जहांगीरपुरी में-
जहांगीरपुरी में शनिवार को यानी हनुमान जयंती के दिन शोभायात्रा के दौरान दो पक्षों में पथराव हुआ। इस मामले में पुलिस ने संदेह जताया कि बवाल के दौरान फायारिंग की गई। डीसीपी नॉर्थ-वेस्ट उषा रंगनानी ने बताया कि उपद्रवी भीड़ ने पुलिस को भी नहीं बख्शा। इस घटना में 8 पुलिसकर्मी सहित 9 लोग घायल हुए। सब-इंस्पेक्टर को गोली लगी है। इस पूरे मामले में पुलिस ने 14 आरोपियों को भी गिरफ्तार किया था।