हाल के सभी विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की हार के लिए गांधी परिवार को पूरी तरह जिम्मेदार ठहराते हुए पीएलसी प्रमुख कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सोमवार को कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि सीडब्ल्यूसी अपनी हार को शालीनता से स्वीकारने के बजाए उनको दोष दे रहा है। उन्होंने कहा, "कांग्रेस न केवल पंजाब में बल्कि यूपी, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में भी हार गई है और पार्टी की शर्मनाक हार के लिए गांधी परिवार को पूरी तरह से दोषी ठहराया जाना चाहिए। सच्चाई यह है कि पूरे देश के लोगों ने गांधी के नेतृत्व में विश्वास खो दिया है।" उन्होंने कहा कि जिस दिन उन्होंने सिद्धू जैसे 'अस्थिर' और 'घमंडी' व्यक्ति को समर्थन देने और चुनाव से कुछ महीने पहले चरणजीत सिंह चन्नी जैसे भ्रष्ट व्यक्ति को मुख्यमंत्री के रूप में नामित करने का फैसला किया, उसी दिन पार्टी ने सीमावर्ती राज्य में अपनी कब्र खोद ली थी। सीडब्ल्यूसी के नेता दावा कर रहे हैं कि उनकी (कैप्टन अमरिंदर की) सरकार के खिलाफ एक मजबूत सत्ता विरोधी लहर थी। वे शायद भूल गए हैं कि उन्होंने 2017 के बाद से पार्टी के लिए हर चुनाव जीता था।
उन्होंने कहा, "ये नेता सिर्फ चापलूस हैं जो दोष लगाकर और दीवार पर लिखी बातों पर आंखें मूंदकर परिवार को बचाने की कोशिश कर रहे हैं।" उन्होंने कहा: "मुझे बदनाम करने के अपने प्रयासों में, पार्टी आलाकमान ने नवजोत और अन्य लोगों के साथ हाथ मिलाया, और इस प्रक्रिया में पार्टी को पूरी तरह से बदनाम कर दिया।" पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि वह अपनी सरकार की उपलब्धियों पर पाक्षिक रिपोर्ट एआईसीसी की कार्यवाहक अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेज रहे थे, और उन्होंने एक बार भी उन पर शिकायत नहीं की थी। कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा, "उन्होंने मुझे बर्खास्त करने से तीन हफ्ते पहले ही मैंने पद छोड़ने की पेशकश की थी, लेकिन सोनिया गांधी ने जोर देकर कहा था कि मैं 2022 के चुनावों में पार्टी में रहूं और पार्टी का नेतृत्व करूं।"