पंजाब के माननीय राज्यपाल श्री बनवारी लाल पुरोहित आज तख़्त श्री केसगढ़ साहिब नतमस्तक हुए। जहाँ उन्होंने माथा टेका और मधुर वाणी का कीर्तन भी श्रवण किया। राज्यपाल विरासत -ऐ -खालसा म्युजिय़म भी गए जहाँ वह म्युजिय़म के शानदार रख रखाव से बेहद प्रभावित हुए। उन्होंने तख़्त श्री केसगढ़ साहिब के लंगर हाल में संगत में बैठ कर लंगर ग्रहण किया। तख़्त श्री केसगढ़ साहिब में माननीय राज्यपाल को मैनेजर भगवंत सिंह, एस.जी.पी.सी मैंबर डा.दलजीत सिंह भिंडर, हैड ग्रंथी ज्ञानी परनाम सिंह,अतिरिक्त मैनेजर हरदेव सिंह की तरफ से सिरापायो और तख़्त साहिब की तस्वीर भेंट करके सम्मानित किया गया।अपनी श्री आनन्दपुर साहिब में पहली फेरी दौरान माननीय राज्यपाल श्री बनवारी लाल पुरोहित ने कहा कि उन के मन की बहुत समय से यह इच्छा थी कि ख़ालसे की जन्म स्थली श्री आनन्दपुर साहिब में जा कर तख़्त श्री केसगढ़ साहिब के दर्शन किये जाएँ।उन्हों ने कहा कि आज यह इच्छा पूरी हुई है।
उन्होने कहा कि हमने दशम पिता श्री गुरु गोबिन्द सिंह जी का इतिहास पढ़ा है, आज इस स्थान पर आ कर दर्शन करके और मिले मान सम्मान /प्यार से बेहद प्रभावित हुआ हूँ, यह मेरे जीवन में कभी न भूलने वाली फेरी है। उन्हों ने कहा कि तख़्त श्री केसगढ़ साहिब में नतमस्तक हो कर मन को बहुत सकून मिला है।अपने दौरे दौरान माननीय राज्यपाल विरासत -ऐ -खालसा पहुंचे जहाँ उन्हों ने म्युजिय़म का दौरा किया, उन्हों ने कहा कि 550 साला इतिहास और सिक्ख धर्म की अलग अलग घटनाओं को जिस बख़ूबी के साथ इस जगह पर दिखाया गया है, वह हर एक का अलग और विशेश महत्व है। उन्हों ने कहा कि इस बारे में बहुत कुछ लिखा जा सकता है। विरासत ए खालसा के शानदार और बेहतरीन रख रखाव से बेहद प्रभावित हुए, माननीय राज्यपाल ने कहा कि विद्यार्थियों के लिए यह म्युजिय़म एक प्रेरणा स्रोत है। उन्हों ने विरासत ए खालसा की विजटर बुक्क पर अपने दौरो के अनुभव भी साझे किये। इस मौके राज्यपाल के प्रमुख सचिव जे.एम बाला मुरगन, ए.डी.सी(एम) श्री अमित तिवारी,डिप्टी कमिशनर रूपनगर सोनाली गिरी, एस.एस.पी विवेकशील सोनी, एस.डी.एम केशव गोयल, डी.एस.पी रमिन्दर सिंह काहलो, कार्यकारी इंजीनियर विरासत ए खालसा भुपिन्दर सिंह चाना भी उपस्थित थे।