तकनीकी शिक्षा, जनजातीय विकास और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ रामलाल मारकंडा ने त्रिलोकनाथ में सासे (हिम एवं अवोधाव अध्ययन केन्द्र) के अधिकारियों तथा स्थानीय लोगों से बैठक की।इसमें त्रिलोकनाथ गाँव में अवोधव के खतरे को देखते हुए वैज्ञानिक आधार पर इसका अध्ययन करके समाधान खोजने पर विचार किया गया।डॉ मारकंडा ने बताया कि त्रिलोकनाथ सुन्दर, धार्मिक स्थल है। पर्यटन विकास के लिए नए निर्माण करने से पहले इसके लिए के लिए विशेषग्यों की राय आवश्यक है।उन्होंने कहा कि साल 1991,1996, 2015 में यहां बर्फ़बारी के दौरान अवोधाव के कारण माल का काफ़ी नुकसान हुआ था। यह ख़तरा हर वर्ष यहाँ बना रहता है। इससे बचने के लिए तथा भविष्य में इसका समाधान करने के लिए सासे के विशेषज्ञों की राय से यहां वैज्ञानिक अध्ययन किया जाएगा,तथा उसी के अनुसार समाधान किया जाएगा।
सासे के विभागाध्यक्ष नीरज शर्मा ने जानकारी दी कि यहां के बारे में पहले आंकड़े जुटाने पड़ेंगे अतः अवोधव की सूचनाएं रिपोर्ट अवश्य करें ताकि उसका डाटा उपलब्ध रहे। क्षेत्र का पूरा अध्ययन किया जाएगा। इस वर्ष सर्दियों में यहां वर्फ़वारी का पूरा डेटाबेस तैयार किया जाएगा। शर्मा ने बताया कि डॉ मारकंडा इस क्षेत्र की तरक्की के लिए भरसक प्रयास कर रहे हैं। अगले वर्ष से यहां अवोधाव सबंधित फोरकास्ट शुरू कर दिया जाएगा। कहा कि मॉडरेट व हाई वार्निंग की स्थिति में घर मे सुरक्षित रहें।डॉ रामलाल मारकंडा ने कहा कि इसके अध्ययन के लिए कुछ समय लगेगा। उसके बाद ही स्थायी समाधान निकाला जा सकेगा। गांव व मन्दिर को सुरक्षित करने का कार्य किया जाएगा।बैठक में नायब तहसीलदार राम चंद नेगी, एक्सिन लोक निर्माण विभाग बीएस नेगी तथा सासे के राजेश्वर डोगरा व राजेन्दर कुमार भी उपस्थित रहे।