आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब ने 2022 की पंजाब विधान सभा चुनाव के लिए शिरोमणि अकाली दल और बहुजन समाज पार्टी गठजोड़ को पंजाब विरोधी और अपवित्र करार दिया है और कहा कि पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार का रास्ता रोकने के लिए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के दिशा निर्देशों पर इस गठजोड़ का अस्तित्व बनाया गया है।शनिवार को पार्टी के मुख्य दफ्तर में पत्रकारों को संबोधित करते हुए ‘आप’ के दिल्ली से विधायक और पंजाब मामलों के सह इंचार्ज राघव चड्ढा ने कहा कि पंजाब में आम आदमी पार्टी को लोगों की ओर से मिल रहे प्यार से पंजाब विरोधी पार्टियां घबरा रही हैं। इस लिए आगामी विधान सभा चुनाव में आम आदमी पार्टी की सरकार बनने से रोकने के लिए अब रस्मी और गैर रस्मी मतलब दो तरह के गठजोड़ पंजाब को लूटने और पीटने वाली पार्टियां की ओर से किए गए हैं। चड्ढा ने कहा कि पहला रस्मी गठजोड़ शिरोमणि अकाली दल बादल और बहुजन समाज पार्टी के गठजोड़ के रूप में सामने आया है, जबकि दूसरा गैर रस्मी गठजोड़ कैप्टन अमरिन्दर सिंह के नेतृत्व में कांग्रेस, शिरोमणि अकाली दल बादल, बहुजन समाज पार्टी और भारतीय जनता पार्टी का गठजोड़ है। उन्होंने कहा कि शिरोमणि अकाली दल बादल और बहुजन समाज पार्टी प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की कठपुतलियां पार्टियां हैं, जबकि कैप्टन अमरिन्दर सिंह प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को अपना बोस मानते हैं। इस मौके उनके साथ नेता प्रतिपक्ष हरपाल सिंह चीमा, विधायक प्रो. बलजिन्दर कौर, विधायक मास्टर बलदेव सिंह और पार्टी के महा सचिव हरचंद सिंह बरसट मौजूद थे।
‘आप’ नेताओं ने कहा कि बहुजन समाज पार्टी अपने आप को दलितों के नेतृत्व वाली पार्टी बताती है परंतु दलितों पर अत्याचार करने वाले अकाली दल के साथ मिल कर कार्य कर रही है जो कि अति निंदनीय है। उन्होंने कहा कि अकाली दल के साथ गठजोड़ करके बहुजन समाज पार्टी ने बाबू कांशी राम और बाबा साहिब भीम राव अम्बेडकर की विचारधारा को एक तरफ कर दिया है। ‘आप’ नेताओं ने कहा कि अकाली दल ने ही बाबा साहिब भीम राव अम्बेडकर की ओर से लिखे संविधान की कापियां जलाई थी और बाबा साहिब के खिलाफ प्रदर्शन किए थे और आज बसपा उनके साथ ही गठबंधन करके चुनाव लडऩे की तैयारी कर रही है। उन्होंने कहा कि पंजाब में अकाली भाजपा के समय दौरान ही दलितों पर सबसे अधिक अत्याचार हुए हैं और दलितों की बेटियों को बसों से उतार उतार कर फेंका गया है।हरपाल चीमा ने कहा कि अकाली दल इस समय अपना अस्तित्व खो चुकी है और बसपा का भी पंजाब में कोई वजूद नहीं है। इस लिए जीरो और जीरो मिल कर जीरो ही बनेंगे। उन्होंने कहा कि बाबू कांशी राम की मौत के बाद बसपा रजवाड़ों की पार्टी बन कर रह गई है और जिस तरह पंजाब में अकाली दल ने लोगों को लूटा और पीटा उस नीति पर काम करते बसपा ने भी भ्रष्टाचार की हद पार की है। पंजाब के किसानों और खेत मजदूरों की पीठ में छुरा मार कर काले कानूनों पर हस्ताक्षर करने वाली अकाली दल के साथ बसपा की ओर से गठजोड़ करके किसान-खेत मजदूर विरोधी होने का सबूत दिया है। उन्होंने कहा कि अकाली दल की सरकार के समय हुए गरीब बच्चों के वजीफा घोटाले के कारण आज भी दलित बच्चों के डिग्रियां रोकी गई हैं, जिस कारण वह उच्च शिक्षा प्राप्त करने से वंचित रह रहे हैं।