केंद्रीय सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्री थावर चंद गेहलोत ने कहा है कि दुनिया में सद्भावना, समरसता और समता की जरूरत है। कपूरथला जि़ले के ऐतिहासिक शहर सुल्तानपुर लोधी में चल रहे अंतराष्ट्रीय सद्भावना शिविर की आज अध्यक्षता करते हुये उन्होंने कहा कि सभी लोग विश्व शांति की परिकल्पना करते हैं मगर अपने विचारों को उस तरफ अग्रसर नहीं करते। थावर चंद गेहलोत ने कहा कि देश की सोच वसुधैव कुटम्बकम की है और पूरी दुनिया एक परिवार है जिसके हम सदस्य हैं। उन्होंने कहा कि सभी को अपने कर्तव्यों को लेकर सजग होना चाहिए।केंद्रीय मंत्री ने कहा कि संसार में सभी सद्भावना व प्रेमभाव से रहें और नये भारत के निर्माण में हर व्यक्ति में सभी गुणों का समावेश जरूरी है। उन्होंने कहा कि दुनिया में आज सद्भावना की जरूरत है ऐसे में इस तरह के सम्मेलन देश ही नहीं दुनिया में भी होते रहें ताकि वसुधैव कुटम्बकम की भावना साकार हो सके। उन्होंने कहा कि वह गुरु नानक देव जी की कर्मभूमि में आकर प्रसन्न हैं, जिन्होंने दुनिया में सद्भावना बनाने का प्रयास किया। केंद्रीय सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्रालय की पिछले चार वर्ष की उपलब्धियों की चर्चा करते हुये श्री थावर चंद गेहलोत ने कहा कि समाज के शोषित, पीडि़त और अनुसूचित जाति व जनजाति वर्ग के साथ-साथ दिव्यागों के लिए अनेक योजनाएं बनाकर सफलता से लागू की गई हैं।
उन्होंने कहा कि दिव्यंगों की योजनाओं में ऐतिहासिक उपलब्धि पर उनके मंत्रालय ने छ: गिनीज़ बुक ऑफ रिकार्ड बनाये हैं। श्री थावर चंद गेहलोत ने कहा कि इस मंत्रालय को सक्रिय बना कर देश व दुनिया में एक नई पहचान दिलाई गई है और आज देश की 65 करोड़ आबादी मंत्रालय की योजनाओं से लाभ लेती है।केंद्रीय सामाजिक न्याय व अधिकारिता राज्य मंत्री श्री विजय सांपला ने कहा कि युवा शक्ति देश में परिवर्तन ला सकती है और युवाओं को पहले अपना कर्तव्य समझना होगा और फिर उसे निभाना होगा।उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने नया भारत बनाने का जो संकल्प लिया हैं उसे दृढ़ता से पूरा करने के लिये युवाओं को आगे आना होगा। श्री विजय सांपला ने कहा कि भ्रष्टाचार, जातिवाद व सम्प्रदायिकता को खत्म करने में युवा पीढ़ी आगे आये और स्वच्छ भारत व देश की मज़बूती में योगदान दे।इस शिविर का आयोजन सेवा ग्राम आश्रम उज्जैन ने किया है और इसमें देश के विभिन्न राज्यों के अलावा श्रीलंका नेपाल और इंडोनेशिया से भी प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं।