विधान सभा ने आज जम्मू व कश्मीर राज्य पिछड़ा वर्ग अधिनियम, 1997 में संशोधन करने के लिए एक विधेयक पारित किया जिसका उद्देश्य आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों की अवधि का पांच साल तक के विस्तार करना था।इस विधेयक को समाज कल्याण मंत्री सजाद गनी लोन ने सदन में पेश किया था।संशोधन विधेयक को पेश करने के उद्देश्य और कारणों को समझाते हुए, मंत्री ने कहा कि यह देखा गया है कि अध्यक्ष और सदस्यों की अवधि समाप्त होने पर, आयोग काफी समय तक गैर-कार्यात्मक रहता है। उन्होंने कहा ‘आयोग के अध्यक्ष/ सदस्यों के रूप में नामांकित होने के लिए उपयुक्त व्यक्ति ढूंढना मुश्किल है, इस तथ्य के कारण कि उस व्यक्ति को जम्मू एवं कश्मीर राज्य में जाति/ पिछड़ा वर्ग संरचनाओं के ज्ञान से अच्छी तरह से वाकिफ होना चाहिए।’’ उन्होंने कहा कि इस कठिनाई को दूर करने के लिए, राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के सदस्यों और अध्यक्ष के पद पर नियुक्ति की अवधि का विस्तार 5 वर्ष तक करने के लिए उपयुक्त महसूस किया गया था।रवींद्र रैना, जीवन लाल, जीएम सरूरी, उस्मान अब्दुल मजिद, मुबारक गुल, विकार रसूल वानी, आर एस पठानिया, शाह मोहम्मद तांत्र, यावर अहमद मीर, अल्ताफ अहमद वानी, शक्ति राज परिहार, मोहम्मद शफी उड़ी, जावेद हसन बेग और सतपाल शर्मा सहित कई अन्य विधायक ने इस विधेयक का समर्थन किया।बाद में विधेयक ध्वनि मत से पारित किया गया।