समाज में अंधविश्वाश के खिलाफ जागरूकता पैदा कर रही तर्कशील सोसाइटी पंजाब ने काम को और तेज करने के लिए नयी टीम का गठन किया है। यह टीम अगले दो सालों के लिए ट्राइसिटी में ज्ञान-विज्ञानं का प्रचार करेगी और लोगों का टेम्परामेंट साइंटिफिक बनाने के लिए काम करेगी। आज तर्कशील सोसाइटी की ओर से स्थापित शहीद भगत सिंह लाइब्रेरी में भारत में तर्कशील मूवमेंट क़े संस्थापक डा. इब्राहिम टी. कावूर क़े जनम दिवस (१० अप्रैल १८९८) पे संस्था की यूनिट मोहाली की मीटिंग संपन हुयी और संस्था के मैंबरों ने नयी टीम का चुनाव किया। इसमें लेक्चरार सुरजीत सिंह को जथेबन्दक मुखिया बनाया गया और मास्टर जरनैल क्रांति को वित्त विभाग की जिमेवारी सौंपी गयी। वहीँ मानसिक सेहत मशवरा केंदर की मुखिया अरविंदर कौर, सांस्कृतिक विभाग लेखक गोरा होशीआरपुरी को और मीडिया इंचार्ज चरनजीत कौर को बनाया गया। तर्कशील सोसाइटी के उद्देश्य के बारे में बाचचीत करते हुए लेक्चरार सुरजीत सिंह और जरनैल क्रांति ने बताया के सदियों से हमारे समाज में अन्धविश्वाश फैला हुआ है जो समाज का बहुत नुक्सान कर रहा है। उन्होंने बठिंडा के कोट फत्ता गांव की उदाहरण देते हुए कहा कि वहां अभी कुश दिन पहले दादी ने परिवार क़े अन्य सदस्यों कि साथ मिल कर अपने ही पोता-पोती की बली दे दी। ऐसी बहुत सी और घटनाएं हैं जिससे पता चलता है कि समाज २१वीं सदी में भी अंधविश्वाश की जकड में है। उन्होंने कहा स्कूली शिक्षा से अंधविश्वास दूर नहीं हो रहा औऱ सोसाइटी छोटे- छोटे वहमों को लेकर विद्यार्थिओं से संवाद रचाएगी और उन्हें ज्योतिष, तांत्रिकवाद और ऐसे और पाखंडों कि बारे में जागरूक करेगी।
सुबह ११ से २ रोज खुलेगी लाइब्रेरी, मुफ्त में पढ़िए किताबें
इसी मकसद से सोसाइटी ने बलौंगी में एक लाइब्रेरी भी बनायीं है जो रोज़ाना ११ से २ वजे तक खुलती है। लाइब्रेरी इंचार्ज जरनैल क्रांति ने बताया कि उनके पास करीब २५०० पुस्तकें इंग्लिश, हिंदी और पंजाबी में उपलबध हैं। लाइब्रेरी की खास बात यह है कि यहाँ किसी भी तरह की कोई फीस नहीं है और कोई छुट्टी नहीं होती।