दिल्ली सरकार ने शुक्रवार को दिल्ली उच्च न्यायालय को बताया कि एप आधारित टैक्सी सेवा प्रदाता अपने ग्राहकों से ज्यादा किराया वसूलती हैं। दिल्ली सरकार के अधिवक्ता ने न्यायाधीश मनमोहन सिंह की पीठ को बताया कि ओला और उबेर जैसे एप आधारित टैक्सी सेवा प्रदाता अपने ग्राहकों से निर्धारित किराए से तीन से चार गुणा ज्यादा वसूलते हैं और बिल में तय की गई सही दूरी का भी उल्लेख नहीं करते हैं।न्यायाधीश मनमोहन ने दिल्ली सरकार को इन आरोपों का हलफनामा दायर करने को कहा और मामले की अगली सुनवाई 15 मार्च को तय की है। अदालत ने इन एप आधारित टैक्सी सेवा प्रदाताओं को 31 मार्च 2016 तक डीजल चालित वाहनों को हटाने और उसकी जगह सीएनजी वाहनों को लगाने का आदेश दिया है।