जम्मू एवं कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने रविवार को कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच वार्ता किसी तीसरे तटस्थ देश में होनी चाहिए। फारूक ने संवाददाताओं से कहा, "मैं समझता हूं कि वे न इस देश (भारत) में बातचीत कर सकते हैं न पाकिस्तान में ही। आगे का रास्ता यह है कि दोनों देशों को किसी ऐसे तीसरे तटस्थ देश की तलाश करनी होगी जहां वे बात कर सकें। अन्यथा, मुझे नहीं लगता कि दोनों देशों के बीच का गतिरोध कभी टूट सकेगा।"
उन्होंने कहा कि सभी लोग उम्मीद कर रहे थे कि बातचीत से कुछ अच्छा नतीजा निकलेगा और सीमा पर गोलीबारी रुक जाएगी।पूर्व मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि पाकिस्तान को यह बात समझनी होगी कि आतंकवाद उसे किस तरह प्रभावित कर रहा है।उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि पाकिस्तान यह नहीं समझ पा रहा है कि आतंकवाद किस तरह उसी को जख्म दे रहा है। रोजाना वहां घटनाएं होती हैं, जिसमें बड़ी संख्या में लोग मारे जाते हैं। अगर वे खुद ही आतंकवाद को नहीं रोकना चाहते तो भारत इसमें कोई मदद नहीं कर सकता। "