राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि विश्व में शहरीकरण की बयार है। यदि 19वीं सदी साम्राज्य की सदी थी और 20वीं सदी देशों की सदी थी तो 21वीं सदी शहरों की सदी है। उन्होंने कहा कि शहरी शासन प्रणाली को सुदृढ़ बनाने की जरूरत है। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने तेलंगाना सरकार द्वारा गुरुवार को हैदराबाद में आयोजित 11वीं महानगर विश्व कांग्रेस 2014 के समापन समारोह में भाग लिया। राष्ट्रपति ने कहा कि जहां दुनिया के 50 से अधिक प्रतिशत लोग शहरी क्षेत्रों में रहते हैं वहां प्रशासकों के सामने एक अभिनव तरीके से स्वच्छता, प्रदूषण, गतिशीलता, नागरिक सुविधाओं और सार्वजनिक सुरक्षा की बढ़ती चुनौतियों के सामना करने का महत्वपूर्ण काम है। मांग के अनुरूप मौजूदा चुनौतियों का सामना करने के लिए हमें शहरी प्रशासन और स्थानीय वित्त को मजबूत करने की तत्काल आवश्यकता है। राष्ट्रपति ने कहा कि किसी भी शहरी व्यवस्थापक के लिए पहली चुनौती स्वच्छता है। जो शहर केवल कूड़े का ढेर लगाता है और उसका प्रसंस्करण नहीं करता, वह एक स्मार्ट सिटी नहीं हो सकता।
राष्ट्रपति ने इस दिशा में सही कदम उठाने के लिए हैदराबाद शहर द्वारा उठाए गए कदमों की प्रशंसा की और प्रशासन तथा सभी के लिए शौचालय की सुविधा उपलब्ध कराने और एक साफ शहरी भारत बनाने के लिए सरकार के 'स्वच्छ भारत अभियान' की ओर ध्यान दिलाया। राष्ट्रपति ने शहरी प्रशासकों द्वारा लोगों को बेहतर सुविधाएं मुहैया कराने के लिए प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल पर जोर देने को कहा। उन्होंने कहा कि सरकारों को नागरिकों को ऑनलाइन सुविधाएं उपलब्ध करानी होगी और शहरों को वाई-फाई सुविधा युक्त बनाना होगा। राष्ट्रपति ने कहा कि शहरों में बढ़ते प्रवास के साथ-साथ सभी के लिए आवास एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन जाता है। विश्वभर में सभी शहरी सरकारों के सामने प्रमुख चिंता का विषय 'सुरक्षा' है। शहरी प्रशासकों को अधिकतम सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए नई तकनीक का लाभ उठाना चाहिए। राष्ट्रपति ने कहा कि भारत सरकार का नया शहरी विकास अभियान शुरू करने का प्रस्ताव है ताकि तेजी से हो रहे शहरीकरण की आवश्यकता के अनुसार भवन निर्माण और सेवाओं के लिए राज्यों को सहायता दी जा सके।