हरियाणा लोकहित पार्टी के अध्यक्ष गोपाल कांडा ने प्रैस को जारी विज्ञप्ति में कहा कि प्रदेश में अब तक के सभी मुख्यमंत्रीयों ने एस.वाई.एल. व हांसी-बुटाना नहर के नाम पर किसानों को गुमराह किया है। इन नहरों के निर्माण पर सैंकड़ो करोड़ रुपए खर्च किए जा चुके हैं, परंतु आज तक इनमें पानी की एक बूंद भी नहीं आई। क्योंकि सभी राजनेताओं की मंशा किसानों के कल्याण की नहीं बल्कि नीजि हित साधने की रही है। कांडा ने कहा कि सभी पार्टियों को किसानों की याद केवल चुनावों के समय ही आती है और एस.वाई.एल. का मुद्दा आज मात्र वोट बटोरने की राजनीति बनकर रह गया है। गोपाल कांडा ने कहा कि इंडियन नेशनल लोकदल ने पंजाब के मुख्यमंत्री स. प्रकाश सिंह बादल को हरियाणा विधानसभा चुनाव में पार्टी का स्टार प्रचारक बनाने की घोषणा की है तथा पंजाब में सत्तारुढ़ अकाली दल के साथ गठबंधन भी कर चुकी है। गोपाल कांडा ने कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री एस.वाई.एल. नहर निर्माण के कट्टर विरोधी है और यदि वे हरियाणा के किसानों को उनके हक का पानी नहीं देना चाहते तो उनहें प्रदेश में वोट मांगने नहीं आना चाहिए और इनेलो व अकाली दल दोनों को एस.वाई.एल. नहर के निर्माण से हरियाणा के खेतों को मिलने वाले पानी के बारे में अपनी नीति और नीयत स्पष्ट करनी चाहिए।
कांडा ने कहा कि प्रदेश के किसानों के हितों के विरोधियों की प्रदेश में नो-एंट्री होनी चाहिए। कांडा ने कहा कि हलोपा की सरकार आने पर एस.वाई.एल. नहर का पानी प्रदेश के किसानों को दिलाने के लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे और प्रत्येक खेत तक सिंचाई का पानी पहुंचाया जाएगा। गोपाल कांडा ने कहा कि प्रदेश में 14,490 किलोमीटर लंबी 1500 से अधिक छोटी-बड़ी नहरें हैं। परंतु अंतरराज्यीय विवादों के कारण प्रदेश का किसान पानी को तरस रहा है। कांडा ने कहा कि चुनावों के समय वोटों की राजनीति के चलते एस.वाई.एल. नहर के मुद्दे को राजनैतिक दल उठाते हैं। इस मुद्दे को भुनाकर सत्ता हासिल करने के बाद उन्हें अपनी परिवारिक मित्रता और रिश्तेदारियां याद आने लगती है और प्रदेश के किसानों के हित गौण हो जाते हैं। कांडा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बावजूद पंजाब क्षेत्र में एस.वाई.एल. नहर का निर्माण नहीं किया गया। क्योंकि दोनों राज्यों के नेता इस मुद्दे पर अपनी सियासी रोटियां सेंक रहे हैं।