अल्पसंख्यक कार्य मंत्री डॉ. नजमा हेप्तुल्ला ने कहा कि अल्पसंख्यकों से संबंधित सभी योजनाओं के परिणामोन्मुखी कार्यान्वयन पर जोर दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यकों के जीवन में सुधार लाने वाली योजनाएं पात्र लाभार्थियों तक पहुंचना सुनिश्चित करने में राज्य सरकारों को सक्रिय भूमिका निभानी होगी। मध्य प्रदेश सरकार के श्रम, पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री अंतरसिंह आर्य के साथ एक बैठक में डॉ. हेप्तुल्ला ने आज यहां यह बताया।श्री अंतरसिंह आर्य ने मध्य प्रदेश में अल्पसंख्यकों से संबंधित मुददे पर विचार-विमर्श के लिए डॉ. हेप्तुल्ला से मुलाकात की।
अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय द्वारा कार्यान्वित की जा रही विभिन्न योजनाओं पर चर्चा करते हुए डॉ. हेप्तुल्ला ने कहा कि कौशलों और उत्पादों के बाजार को बढ़ाने के लिए कौशल विकास के अधीन नई अवधारणाओं को पारंपरिक हस्तकलाओं के रूप में प्रस्तुत किया जाना चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि राज्य की पारंपरिक कलाओं और हस्तकलाओं के संरक्षण और उसे बढ़ावा देने के काम को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। उन्होंने सभी अल्पसंख्यकों के बीच उनके अधिकारों के बारे में अधिकाधिक जागरुकता पैदा करने पर जोर दिया। उन्होंने वक्फ संपत्तियों के रख-रखाव के विकास में राज्य सरकारों की भूमिका बढ़ाने पर जोर दिया। इस अवसर पर मध्य प्रदेश सरकार की अपर मुख्य सचिव श्रीमती सुरंजना रे और प्रधान सचिव तथा अल्पसंख्यक/ अपिव आयुक्त श्री विश्वमोहन उपाध्याय, अल्पसंख्यक कार्यमंत्रालय में सचिव श्री ललित के पंवार ने भी अपनी बात रखी।