पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने मंगलवार को कहा कि राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत की नेता सोनिया गांधी नहीं, बल्कि भाजपा की वसुंधरा राजे थीं। उन्होंने कहा, ''परसों धौलपुर में मुख्यमंत्री के भाषण से यह तथ्य स्पष्ट हो गया है।''पायलट ने गहलोत के उस बयान पर सवाल उठाया, जिसमें ''बीजेपी नेताओं की तारीफ की, लेकिन पार्टी के अपने ही सांसदों और विधायकों की छवि खराब की।''
रविवार को गहलोत ने कहा कि पूर्व सीएम वसुंधरा राजे और बीजेपी के दो नेताओं कैलाश मेघवाल और शोभरानी कुशवाहा ने उनकी सरकार को बचाने में मदद की।गहलोत के बयान पर पायलट ने कहा, 'गहलोत बताएं कि उनके बयान के दो चेहरे क्यों हैं। अगर वो कहते हैं कि बीजेपी सरकार गिराने की कोशिश कर रही थी और दूसरी तरफ वो कहते हैं कि राजे अपनी सरकार बचाने की कोशिश कर रही थीं, तो फिर वह क्या कहना चाहता है।
पायलट ने मंगलवार को अपने आवास पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की।उन्होंने कहा कि उन्हें आश्चर्य है कि राजे के कार्यकाल में कथित भ्रष्टाचार के खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई। उन्होंने कहा कि गहलोत के धौलपुर संबोधन के बाद यह साफ हो गया है कि ऐसे भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की गई।
पायलट ने कहा, ''पहली बार देख रहा हूं कि कोई अपनी ही पार्टी के सांसदों और विधायकों की आलोचना कर रहा है। भाजपा नेताओं की तारीफ और कांग्रेस नेताओं का अपमान मेरी समझ से परे है। यह पूरी तरह से गलत है।''उन्होंने कहा, 'मुख्यमंत्री के शब्दों से ऐसा लगता है कि उनकी नेता वसुंधरा राजे हैं, सोनिया गांधी नहीं।'
हैरानी की बात यह है कि जब कांग्रेस के सर्वोदयी प्रशिक्षण शिविर में शामिल होने के लिए राहुल गांधी माउंट आबू पहुंचे हैं तो पायलट ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई है।पायलट ने कहा, ''हम दिल्ली गए थे और आलाकमान के साथ अपनी चिंताओं को साझा किया था। साथ ही वसुंधराजी के शासन में भ्रष्टाचार के मुद्दे पर भी मैंने कई महीनों तक पत्र लिखे।
मैंने एक दिन का अनशन भी किया। लेकिन हमारी किसी भी मांग पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। मैं समझता हूं कि कार्रवाई क्यों नहीं की गई। अब मैं निराश हूं। जनता भगवान है। जनता के सामने सभी को झुकना होगा। इसलिए भ्रष्टाचार के खिलाफ 11 मई को अजमेर से जयपुर तक मार्च (जन संघर्ष यात्रा) निकालेंगे।
यह 125 किमी लंबी यात्रा होगी और इसमें पांच दिन लगेंगे।हम लोगों के पास जाएंगे और युवाओं के मुद्दों को उठाएंगे जिसमें पेपर लीक भी शामिल है। पेपर लीक मामले में आरपीएससी के अधिकारियों की भूमिका पाई गई। इसका मुख्यालय अजमेर में है। इसलिए अजमेर को यात्रा के लिए चुना गया है।
उन्होंने कहा, यह यात्रा किसी एक के खिलाफ नहीं है, बल्कि भ्रष्टाचार के खिलाफ है। हम इस यात्रा के जरिए लोगों की आवाज बनने की कोशिश करेंगे।उन्होंने कहा, 'हम पर देशद्रोह के आरोप लगाए गए, लेकिन उसके बाद अहमद पटेल के नेतृत्व में एक कमेटी बनाई गई और बाद में एक रोडमैप तैयार किया गया।
इसके बाद हम सभी ने कांग्रेस को मजबूत करने का काम किया। मुझे 'गद्दार' और 'निकम्मा (बेकार)' कहा गया, लेकिन हमने पार्टी को मजबूत करने के लिए काम करना जारी रखा।कुछ विधायकों को 10 करोड़ रुपये से 20 करोड़ रुपये का लालच देने के गहलोत के आरोपों पर एक सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा, मैं पिछले तीन साल से इस तरह के आरोप सुन रहा हूं, अगर वे कार्रवाई करना चाहते हैं तो करें, कार्रवाई करने में देरी क्यों हो रही है।
उन्होंने कहा, कुछ लोग कांग्रेस को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन हम उन्हें उनके प्रयास में सफल नहीं होने देंगे।गहलोत ने रविवार को धोलपुर में पायलट खेमे के विधायकों पर राजनीतिक संकट के दौरान 10 से 20 करोड़ रुपये रिश्वत लेने का आरोप लगाया था।
गहलोत ने विधायकों को अमित शाह के पैसे वापस करने की सलाह भी दी।सचिन पायलट लगातार भाजपा शासन में भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होने का मुद्दा उठा रहे हैं।