उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने आज नागरिक सचिवालय में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों, प्रशासनिक विभागों और अन्य वित्तीय संस्थानों की एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। उपराज्यपाल ने महत्वाकांक्षी समाज के सपनों को पूरा करने के उद्देश्य से संभावित उद्यमियों को निर्बाध ऋण देने और अन्य सरकारी योजनाओं की संतृप्ति पर पिछली बैठक में पारित निर्देशों पर की गई कार्रवाई की समीक्षा की।
उन्होंने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों को समर्पित उपायों के लिए निर्देशित किया ताकि सरकारी लाभ सीधे लोगों तक पहुंचे और संभावित उद्यमियों, किसानों, एसएचजी और ग्रामीण विकास के लिए ऋण देने पर अधिक जोर दिया जा सके।
उपराज्यपाल ने कहा “बैंकिंग क्षेत्र जम्मू-कश्मीर की बढ़ती अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और आम आदमी, किसानों, उद्योगों, एसएचजी और युवा उद्यमियों की सुविधा के लिए सामूहिक प्रयास किए जाने चाहिए। बैंकों को सभी प्रमुख योजनाओं के लाभार्थियों तक पहुंचने में सरकार के प्रयासों में सहयोग करने और पूरक करने की आवश्यकता है,‘‘
उन्होंने यह भी कहा कि बैक टू विलेज-4 और माई टाउन माई प्राइड प्रोग्राम के दौरान, जम्मू-कश्मीर बैंक ने हाल ही में 75,000 युवाओं को वित्तीय सहायता देने में 90 प्रतिषत की बड़ी हिस्सेदारी सुनिश्चित की, जबकि अन्य बैंकों का योगदान केवल 10 प्रतिषत था।
इसके अतिरिक्त उपराज्यपाल ने कहा, ‘‘इस स्थिति को बदलने की जरूरत है। सभी बैंकों को युवाओं, महिलाओं और समाज के हाशिए पर रहने वाले लोगों के बीच उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए ऋण देना चाहिए। उपराज्यपाल ने सभी पात्र किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड का लाभ देने के लिए हुई प्रगति की भी समीक्षा की।
बैंकों को आरबीआई के वितरण चैनलों का पालन करने और केसीसी खाताधारकों को जून, 2023 तक स्मार्ट कार्ड के वितरण को पूरा करने का निर्देश दिया गया। उपराज्यपाल ने नोडल एजेंसियों के माध्यम से बैंकों द्वारा आवश्यक परियोजना रिपोर्ट तैयार करने में किसानों को समर्थन और मार्गदर्शन पर जोर दिया।
बैठक को आगामी ‘सरकार प्रायोजित योजनाओं के लिए नागरिक पोर्टल‘ के बारे में भी जानकारी दी गई। जम्मू-कश्मीर बैंक द्वारा तैयार किया गया जल्द ही लॉन्च किया जाने वाला पोर्टल यह सुनिश्चित करेगा कि जम्मू कश्मीर में संचालित सभी बैंक पात्र लाभार्थियों को सरकारी योजनाओं के सभी लाभों का निर्बाध रूप से विस्तार करें।
पोर्टल ओटीपी प्रमाणीकरण के साथ एक नागरिक को सरकार प्रायोजित योजनाओं के लिए सीधे ऑनलाइन आवेदन करने और अपने आवेदन की स्थिति की ऑनलाइन जांच करने में सक्षम करेगा। यह एक एकीकृत कार्यप्रवाह में नागरिकों के आवेदनों को उपयुक्त विभागों और टीमों को अग्रेषित करेगा और विभागों और टीमों को इन आवेदनों को संसाधित करने और संबंधित वित्तपोषण एजेंसियों को अग्रेषित करने में सक्षम करेगा।
इसके अलावा, वित्तपोषण एजेंसियां इन आवेदनों के प्रसंस्करण के बाद की स्थिति को अद्यतन कर सकती हैं। यह एमआईएस/रिपोर्टिंग डैशबोर्ड बनाने की सुविधा भी प्रदान करेगा। सभी योजनाओं और अन्य पोर्टलों को एक मंच पर एकीकृत करने की संभावनाओं का पता लगाने और पोर्टल को अधिक संवादात्मक, बहुभाषी और शिकायत निवारण तंत्र का एक मॉड्यूल बनाने के लिए दिशा-निर्देश पारित किए गए।
बैठक में मुख्य सचिव डॉ. अरुण कुमार मेहता, अतिरिक्त मुख्य सचिव कृषि उत्पादन विभाग अटल डुल्लू, एमडी और सीईओ जेएंडके बैंक बलदेव प्रकाश, प्रशासनिक सचिव, यूटी में कार्यरत कई बैंकों के एचओडी, प्रमुख और प्रतिनिधि शामिल हुए।