दिल्ली में साहित्य का सबसे बड़ा मेला चल रहा है. साहित्य आजतक के तीन दिन के कार्यक्रम में सिनेमा, संगीत, सियासत, संस्कृति और थिएटर से जुड़े जाने-माने चेहरे हिस्सा ले रहे हैं. साहित्य के मंच पर एक नाटक का मंचन भी किया गया. जिसका शीर्षक था 'To Gandhi Ji With Spelling Mistakes'. दो साल बाद शब्द-सुरों का महाकुंभ साहित्य आजतक एक बार फिर लौट आया है.
साहित्य का ये मेला तीन दिन का है, जो 18 से 20 नवंबर तक दिल्ली के मेजर ध्यानचऺद नेशनल स्टेडियम में लगा हुआ है. इस कार्यक्रम में सिनेमा, संगीत, सियासत, संस्कृति और थिएटर से जुड़े जाने-माने चेहरे हिस्सा ले रहे हैं. मेले में कई मंच हैं, जहां साहित्य पर चर्चा भी हो रही है और संगीत के सुर भी महक रहे हैं. साहित्य के इस मंच पर एक नाटक का मंचन भी किया गया.
इस नाटक का नाम है 'To Gandhi Ji With Spelling Mistakes'. नाटक के निर्देशक हैं डॉ. एम. सईद आलम (Dr M Sayeed Alam).कहानी शुरू होती है एक नानी से, जो बच्चों को दिल्ली में रहने वाले अपने दोस्तों के बारे में बता रही है. नाटक में दिखाया गया है कि आजादी के बाद, जब भारत और पाकिस्तान अलग हो गए, तब कुछ बच्चे गांधी जी को पत्र लिख रहे हैं. ये तारीख है 15 फरवरी 1948 की.
खास बात ये थी कि ये बच्चे मुस्लिम हैं और इंग्लिश में पत्र लिख रहे हैं. इस नाटक में अंग्रेजी की बारीकियों को दिखाया गया है कि हिंदी के शब्दों को जब बच्चे अंग्रेजी में लिखते हैं तो कैसे लिखा जाता है.बच्चों ने अंग्रेजी भाषा की कमियों को और इससे होने वाले कन्फ्यूज़न को बहुत ही साफगोई के साथ प्रस्तुत किया. जिन शब्दों को बच्चों ने अपने हिसाब से -अंग्रेजी में बदला उन्होंने दर्शकों को हंसने का मौका दिया.
पूरा नाटक करीब-करीब इसी बात पर प्रकाश डालता रहा कि बच्चे जो अंग्रेजी में अच्छे नहीं हैं वे किस तरह से अंग्रेजी का इस्तेमाल करते होंगे. बच्चों के डायलॉग काफी गहरे थे. बात सिर्फ अंग्रेजी के इस्तेमाल की नहीं थी, इसके पीछे कुछ बातें ऐसी भी थीं, जो भावुक करने वाली थीं और लोगों को सोचने पर मजबूर करती थीं. जैसे बच्चों ने शरणार्थी और शरणयात्री पर भी बात की.
इसमें वक्त एक ऐसे किरदार को दिखाया गया था जो कि सरदार है. उसके बारे में बच्चों ने कहा कि वह कुछ बोल नहीं पाता, सिर्फ उसकी आंखे बोलती हैं. बच्चों ने लिखा Bapu you are great man. इसपर मैन की स्पेलिंग को लेकर कहा गया कि जो मन की स्पेलिंग वही मैन की स्पेलिंग है. Grandmother को नानी लिखें या दादी, uncle को चाचा लिखें या मामा. इस पर बच्चों ने कहा कि ये हमारी गलती नहीं है अंग्रेजों की है.इसी वजह से तो उन्हें भारत छोड़ना पड़ा था. बच्चों ने नानी की अंग्रेजी बताई father's wife father's wife.
ये कुछ ऐसे डायलॉग थे जिन्होंने हंसाया. वहीं कुछ बातें ऐसे भी थीं जो सोचने को मजबूर करती थीं. बच्चों ने टूटीफूटी अंग्रेजी में बोला- 'my father did not like you. he said gandhi ememy of muslims because what father say mother has to say. but nani also say gandhi is angel. see everyone with one eye.' बच्चों की नजर में धर्म क्या है हिंदू, मुस्लिम, सिख और ईसाई क्या हैं इसे बहुत ही सफाई से नजर आया. आखिर में बच्चे बापू से वापस आने की बात करते हैं.
About Sahitya Aajtak
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They will unite again on a single platform to express their views openly and engage in meaningful dialogues about the nature of art, culture and literature in the world, and the indelible imprint they leave on the minds and hearts of people. '