बॉलीवुड एक्टर आमिर खान की फिल्म 'लाल सिंह चड्ढा' रिलीज के साथ विवादों में फंसती चली जा रही है। सोशल मीडिया पर बायकॉट की मांग की जा रही है। यह 1994 की हॉलीवुड ब्लॉकबस्टर 'फॉरेस्ट गंप' की रीमेक है। फिल्म का बहिष्कार करने वालों ने आरोप लगाया है कि एक्टर आमिर खान भारतीय संस्कृति और परंपरा का सम्मान नहीं करते।
फिल्म के खिलाफ बढ़ते विरोध-प्रदर्शन को देखते हुए आमिर खान ने कहा, अगर मैंने किसी भी तरह से किसी को ठेस पहुंचाई है, तो उसके लिए मुझे खेद है। मैं किसी को ठेस नहीं पहुंचाना चाहता। अगर कोई फिल्म नहीं देखना चाहता तो मैं उनकी भावनाओं का सम्मान करूंगा। इससे पहले वह अपने एक इंटरव्यू को लेकर विवादों में आए थे।
एक इंटरव्यू में आमिर ने कहा था कि वह बढ़ती असहिष्णुता से चिंतित हैं और उनकी पत्नी ने देश से बाहर जाने का सुझाव दिया था। फिल्म में उनकी को-स्टार करीना कपूर खान ने लोगों से फिल्म का बहिष्कार नहीं करने का अनुरोध किया है। सी-वोटर-इंडियाट्रैकर ने आईएएनएस की ओर से एक सर्वे किया, जिसमें फिल्म का बहिष्कार करने के बारे में लोगों की राय जानने की कोशिश की गई।
सर्वे में भारतीयों की राय बायकॉट कैंपेन को लेकर अलग-अलग थी। सर्वे के दौरान, जहां 51 प्रतिशत लोगों ने आमिर की विवादास्पद टिप्पणियों का हवाला देते हुए बायकॉट कैंपेन को सपोर्ट किया, तो वहीं 49 प्रतिशत इस तरह के कैपेंन से पूरी तरह असहमत थे। दिलचस्प बात यह है कि अलग-अलग उम्र वाले लोगों के बीच इस मुद्दे को लेकर अपनी अलग राय थी।
सर्वे के आंकड़ों के अनुसार, जहां 18-24 वर्ष आयु वर्ग के 52 प्रतिशत लोगों ने फिल्म के खिलाफ अपील का समर्थन किया, वहीं 48 प्रतिशत ने असहमति दर्ज कराते हुए लोगों से फिल्म देखने को कहा। इसके अलावा, 35-44 वर्ष की आयु के 52 प्रतिशत ने फिल्म का बहिष्कार करने पर अपने सहमति व्यक्त की, जबकि 48 प्रतिशत ने फिल्म के खिलाफ चलाए जा रहे कैंपेन पर नाराजगी जताई।
सर्वे के दौरान एनडीए और विपक्षी मतदाताओं ने भी विचार व्यक्त किए। सर्वे के आंकड़ों के अनुसार, जहां 67 प्रतिशत एनडीए मतदाताओं ने फिल्म के बहिष्कार के आह्वान का समर्थन किया, वहीं 60 प्रतिशत विपक्षी समर्थकों ने बहिष्कार का विरोध किया।