वर्ष 2006 में मोहाली जिला बनने के बाद मोहाली का मास्टर प्लान सिंगापुर की एक कंपनी द्वारा डिजाइन करवाया गया था। ताकि मोहाली को सिंगापुर की तर्ज पर बनाया जा सके। लेकिन अब जो हालात हैं, उसे देख कर ऐसा लगता है कि कहीं मोहाली सिंगापुर की जगह स्लम एरिया ना बन कर रह जाए। यह बात भाजपा के स्टेट कार्यकारणी सदस्य संजीव वशिष्ट द्वारा कही गई।
उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार द्वारा मोहाली को वर्ल्ड क्लास सिटी बनाने की बातें की जा रही हैं, लेकिन यहां पर जैसी सुविधाएं है उसे देख कर ऐसा लगता है कि आने वाले कुछ सालों में लोगों का यहां रहना तक मुश्किल हो जाएगा। उन्होंने कहा कि मोहाली में बिजली, पानी, बरसाती पानी की निकासी, इंफ्रास्ट्रक्चर आदि की काफी समस्या है। जिसकी तरफ अगर सरकार ने ध्यान न दिया तो मोहाली सच मे सिंगापुर की जगह स्लम बन जाएगा।
उन्होंने कहा की सरकार अगर मोहाली को सच में वर्ल्ड क्लास सिटी बनाना चाहती है तो पहले शहर की मुख्य समस्याओं को पहल के आधार पर हल करना होगा।
मोहाली में नही है लोकल ट्रांसपोर्ट सर्विस
संजीव वशिष्ट ने कहा कि ट्राइसिटी का हिस्सा तथा चंडीगढ़ के साथ सटे मोहाली जैसे शहर में लोकल ट्रांसपोर्ट की सुविधा नही है। करोड़ों की लागत से फेज 6 में बनाया गया पंजाब का पहला ऐसी इनटर स्टेट बस टर्मिनल कई सालों से बंद पड़ा है। शहर में सिटी बस सर्विस शुरू करने का हल्ला पिछले कई सालों से चल रहा है, लेकिन आज तक यह सर्विस लोगों को नही मिल पाई है।
आने वाले समय मे जब मोहाली में आबादी बढ़ेगी तो सड़को पर ट्रैफिक भी बढ़ेगा। ऐसे में सिटी बस सर्विस ही लोगों के लिए मददगार साबित होगी। इसलिए सरकार को मोहाली में लोकल ट्रांसपोर्ट सेवा शुरू करने पर ध्यान देना चाहिए।
बिजली कर्मियों की संख्या जो 20 साल पहले थी अब उससे भी कम
वशिष्ट ने कहा कि मोहाली जिले में दो दशक पहले करीब 2 लाख बिजली के उपभोक्ता थे और उन दिनों में पावरकाम की ओर से सैंक्शंड 570 पोस्टर थी लेकिन अब दो दशक बीत जाने के पाद बिजली के कनेक्शन तथा उपभोक्ता की संख्या बढ़कर 5 लाख के पास पहुंच चुकी है मगर इस समय मात्र 400 ही कर्मचारी पोस्टेड हैं।
उन्होंने कहा कि इसका परिणाम यह है कि अगर बिलजी का कोई फाल्ट आ जाता है तो उसे ठीक करने में बिजली कर्मचारियों को 15 से 20 घंटे का समय लग जाता है। तब तक लोगों को बिना बिजली के ही गुजारा करना पड़ता है। वशिष्ट ने कहा कि सरकार को बिजली कर्मचारियों की नई भर्ती करनी चाहिए ताकि हर काम आसानी से हो सके। उन्होंने कहा कि जब मैन पावर ज्यादा होगी तो बिजली को लेकर जो भी समस्या आएगी उसे हल करने में आसानी होगी और कम समय लगेगा।
पानी का प्रेशर इतना कम की पहली मंजिल पर रहने वाले लोग भी परेशान
संजीव वशिष्ट ने कहा कि शहर में पीने के पानी की भी बहुत समस्या है। उन्होंने कहा आलम यह है की अब मोहाली में चार-चार मंजिल मकान बन चुके है लेकिन पानी का प्रेशर इतना कम है कि लोगों की पहली मंजिल पर पानी नही पहुंच पाता है। इसलिए शहर के लोग पीने के पानी की समस्या से भी लंबे समय से परेशान होते आ रहे है। इस समस्या का हल करने में भी अब तक कि सरकार पूरी तरह से नाकाम रही है।
कॉलोनियों में डेवलपमेंट नाम की कोई चीज़ नहीं
वशिष्ट ने कहा कि शहर के साथ लगते अनेक गांव जिनमें बलोंगी, बढ़ माजरा, झुझार नगर, बहलोलपुर, झामपुर आदि शामिल है, वहां कई कॉलोनियां बन गई है। वहां पर सेकड़ो परिवारों ने रहना भी शुरू कर दिया है। लेकिन वहां पर डेवलपमेंट नाम की कोई चीज़ नहीं है। सड़कें टूटी हुई हैं, बरसाती पानी की निकासी का कोई प्रबंद नही है, स्ट्रीट लाइट्स नहीं है और इसके अलावा भी अनेक समस्याएं है। इस तरफ भी सरकार को ध्यान देने की जरूरत है।