Supreme Court भी Nupur Sharma पर अब नरम होता दिखाई पड़ रहा है। पहले सुनवाई में सुप्रीम को दोनों जज जितने उग्र दिखे, उतने ही नरम दूसरे सुनवाई में थे। शायद
Supreme Court को इस बात का एहसास हो गया था कि उनकी टिप्पणी की वजह से नुपुर और उनके परिवार को जान का खतरा बढ़ गया है।
Nupur Sharma की दूसरी सुनवाई के दौरान मंगलवार को जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस पारदीवाला का मिजाज बिल्कुल उलट दिखा। दोनों जजों की पीठ ने इस बार नुपुर की याचिका पर सुनवाई के दौरान पिछली सुनवाई के दौरान कही गई बातों का खुद ही जिक्र किया। पीठ ने कहा कि संदेश सही नहीं गया, लेकिन जज कभी नहीं चाहते थे कि आपको दर-दर की ठोकरें खानी पड़े।
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दोनों जजों की बेंच ने कहा, हम कभी नहीं चाहते थे कि आपको या आपके परिवार को किसी तरह के खतरे में डाला जाए। हमें तथ्यों को सही करना चाहिए। शायद हम सही ढंग से नहीं बता पाए लेकिन हम कभी नहीं चाहते थे कि आप राहत के लिए हर अदालत में जाएं।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सुप्रीम कोर्ट की इसी पीठ ने 1 जुलाई को नुपुर शर्मा की कड़ी आलोचना करते हुए कहा था कि उन्होंने अपनी बेलगाम जुबान से पूरे देश को आग में झोंक दिया है और देश में जो हो रहा है उसके लिए वह अकेले जिम्मेदार हैं। उदयपुर में जो हिंसा हुई उसके लिए भी नुपुर शर्मा का पैगंबर पर दिया गया विवादित बयान ही जम्मेदार है।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि पैगम्बर मोहम्मद को लेकर टिप्पणी करने के चलते अलग-अलग राज्यों में 9 FIR का सामना कर रहीं नुपुर शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में दोबारा अर्जी लगाई थी। इस पर मंगलवार को सुनवाई हुई। अपनी अर्जी में नुपर ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणियों के बाद उनकी जान को लेकर खतरा बढ़ गया है। नुपुर ने कोर्ट से गिरफ्तारी पर रोक लगाने के साथ साथ सभी FIR को दिल्ली ट्रांसफर कर एक साथ सुनवाई करने की मांग भी की थी। इसी अर्जी पर सुनवाई करते हुए मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने साफ कह दिया था कि 10 अगस्त तक नुपुर शर्मा की गिरफ्तारी नहीं हो सकती।