आज कश्मीरी पंडित राहुल भट की हत्या हुए 10 दिन हो चुके हैं। कश्मीरी पंडितों का गुस्सा चरम पर है। आज यानी शनिवार कश्मीरी पंडितों ने श्रीनगर के राजबाग से लाल चौक तक रैली निकाली। यहां बड़ी संख्या में कश्मीरी पंडित जमा हुए और अपना रोष प्रदर्शन किया। उन्होंने डीसी बडगाम, भाजपा और प्रशासन के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की। इसके बाद लाल चौक पर अपनी मांगों को लेकर धरना दिया। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि कश्मीरी पंडित कर्मचारी सुरक्षित स्थानों पर तैनाती की मांग पर अड़े हुए हैं। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि उनकी एक ही मांग है कि उन्हें भारत में कहीं भी लेकिन कश्मीर घाटी के बाहर ट्रांसफर किया जाए।
कश्मीर पंडितों का कहना है कि वो कश्मीर में खुद को सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे हैं। ट्रांसफर से कम, सरकार के किसी भी निर्णय को स्वीकार नहीं करेंगे। उन्हें कश्मीर से बाहर ट्रांसफर किया जाना चाहिए। प्रदर्शनकारियों ने साफ शब्दों में कहा कि सरकार उनकी मांगों की ओर कोई ध्यान नहीं दे रही है। वे लोग पिछले दस दिनों से घाटी में अलग-अलग जगह प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्हें कश्मीर से बाहर भेज दिया जाए। वे यहां मरने के लिए नहीं रहेंगे। एक अन्य प्रदर्शनकारी ने कहा, 'मुझे समझ में नहीं आता कि सरकार अभी तक क्यों नहीं जागी है। कितने निर्दोष लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। आखिर मौत के लिए कौन जिम्मेदार है।
वहीं, राहुल भट की हत्या के दसवें दिन कश्मीरी पंडितों ने झेलम नदी में फूल विसर्जित कर उन्हें श्रद्धांजली दी। बडगाम में भी कश्मीर पंडितों ने प्रदर्शन किया। अनंतनाग के मट्टन स्थित मार्तंड सूर्य मंदिर में कश्मीरी पंडितों ने सामूहिक मुंडन करवाया। वहीं शनिवार को झेलम नदी में फूल विसर्जित कर कश्मीरी पंडितों ने राहुल भट को श्रद्धांजली दी। इस दौरान बड़ी संख्या में लोग झेलम नदी के किनारे पहुंचे। सभी ने नम आंखों के साथ राहुल भट को याद करते हुए नमन किया। इतना ही नहीं राहुल की हत्या के दसवें दिन अनंतनाग के मट्टन स्थित मार्तंड सूर्य मंदिर में कश्मीरी पंडितों ने सामूहिक मुंडन करवा कर उन्हें श्रद्धांजली दी।
कैसे हुई थी राहुल भट की हत्या
कुछ दिन पहले ही आतंकियों ने कश्मीरी पंडित राहुल भट्ट की उनके ऑफिस में घुसकर गोली मारकर हत्या कर दी थी। राहुल अपने ऑफिस में बैठकर काम कर रहे थे। आतंकियाें ने ऑफिस में घुसकर उनपर हमला किया और राहुल पर गोलियां बरसा दी। इसके साथ ही आतंकियों ने वहां पूरे इलाके में पोस्टर लगा दिए जिसमें लिखा थी- सभी कश्मीरी पंडित यहां से चले जाओ। नहीं जाओगे तो मरने के लिए तैयार रहो। तुम सब मरोगे। राहुल भट्ट की मौत के बाद कश्मीरी पंडितों में खूब रोश है और वह अपनी आवाज उठाने के लिए सड़कों पर उतर रहे हैं।