गिरिडीह जिला अंतर्गत गांवा थाना क्षेत्र में अभ्रक की अवैध खदान धंसने से दो ग्रामीणों की मौत हो गई, जबकि चार लोग घायल हो गये। घटना सोमवार दोपहर की है। बताया जा रहा है कि जिस वक्त खदान धंसी, वहां तकरीबन 50 लोग अभ्रक की खुदाई में जुटे थे। इनमें बड़ी संख्या में महिलाएं और बच्चे भी थे। हादसे में जिन दो ग्रामीणों की मौत हुई है, उनमें गांवा के रंगामाटी निवासी शुकर हांसदा और सोउना हांसदा शामिल हैं। घायलों में ढुनु हांसदा, ननकी देवी, गुलो राय, आरती एवं अन्य दो शामिल हैं। कुछ अन्य लोगों को भी चोट आई हैं। बताया गया कि अचानक तेज आवाज के साथ खदान की छत धंसी तो अफरा-तफरी मच गई। खदान के अंदर मौजूद लोग बाहर की तरफ भागे। गनीमत यह रही कि जिस स्थान पर छत गिरी, वहां मजदूरों की संख्या कम थी अन्यथा बड़ी संख्या में लोग हताहत हो सकते थे।
बताया जा रहा है कि वन क्षेत्र में यह खदान एक कारोबारी द्वारा अवैध रूप से चलाई जा रही थी। यहां हर रोज रंगामाटी समेत आसपास के गांवों के मजदूर लगाये जाते थे। घटना के बाद खदान चलाने वालों ने मृतकों के शवों को घटनास्थल से हटाने का प्रयास किया, लेकिन स्थानीय ग्रामीणों ने दोनों शवों को उठाने से रोक दिया। फिलहाल इस घटना पर वन विभाग का कोई अफसर आधिकारिक तौर पर कुछ भी कहने से इनकार कर रहा है। बता दें कि गिरिडीह और कोडरमा जिले में आज भी अभ्रक का भंडार है। ज्यादातर खदानों में आधिकारिक तौर पर खनन बंद कराया जा चुका है, लेकिन स्थानीय दबंग अवैध तरीके से इन असुरक्षित खदानों में खुदाई करवाते हैं। इस वजह से आये रोज हादसे होते रहते हैं।