राज्य में शहरी बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने और पर्यटन क्षेत्र को और गतिशीलता प्रदान करने के लिए पी.आई.डी.बी. की कार्यकारी समिति ने मंगलवार को कई प्रमुख विकास प्रोजेक्टों की गहन समीक्षा की जिसमें शहरी पर्यावरण सुधार प्रोग्राम (यू.ई.आई.पी.) के तीसरे चरण और रणजीत सागर डैम झील को अंतरराष्ट्रीय स्तर के पर्यटन स्थल के तौर पर विकसित करने वाले प्रोजैक्ट शामिल हैं।पंजाब बुनियादी ढांचा विकास बोर्ड (पी.आई.डी.बी.) की 156वीं कार्यकारी समिति की मीटिंग यहाँ मुख्य सचिव विनी महाजन की अध्यक्षता में हुई।इस संबंधी जानकारी देते हुए मुख्य सचिव ने बताया कि 500 करोड़ रुपए की लागत वाले यू.आई.आई.पी. के तीसरे चरण को मंजूरी के बाद इस योजना के अंतर्गत कुल खर्चा 1,915.71 करोड़ रुपए तक पहुँच गया है।ज़िक्रयोग्य है कि इस स्कीम का उद्देश्य राज्य की सभी 167 शहरी स्थानीय इकाईयों के बुनियादी ढांचे में सुधार लाना है।मुख्य सचिव ने ऐलान किया कि समिति ने पी.आई.डी.बी. को अन्य शहरी विकास कार्यों के लिए 250 करोड़ रुपए के अतिरिक्त फंड के साथ एक विशेष कम्पोनेंट प्रोग्राम को भी मंजूरी दे दी है।
पठानकोट ज़िले में रणजीत सागर डैम झील के विकास संबंधी लम्बित पड़े प्रोजैक्ट बारे जानकारी देते हुए श्रीमती महाजन ने कहा कि झील को पी.पी.पी मोड के द्वारा 450 करोड़ रुपए की लागत के साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर के पर्यटन स्थल के तौर पर विकसित किया जायेगा। यह प्रोजैक्ट स्थानीय लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष दोनों रूपों में रोज़गार के मौके प्रदान करने के उद्देश्य के साथ चलाया गया था। समिति ने पीआईडीबी को आने वाले दिनों में इस प्रोजैक्ट की बोली लगाने संबंधी प्रक्रिया शुरू करने के भी हुक्म दिए।राज्य में सड़क संपर्क को बढ़ाने के लिए तीन सड़क प्रोजैक्टः जालंधर में टांडा रेलवे क्रॉसिंग पर रेलवे अंडर ब्रिज (आर.यू.बी) और 53.23 करोड़ रुपए की लागत वाले लंबा पिंड - जंडू सिंह रोड को फोर-लेन बनाने वाले प्रोजैक्ट चलाए जा रहे हैं।पी.आई.डी.बी. की कार्यकारी समिति ने पटियाला के मॉल रोड पर स्थित लोक निर्माण विभाग की पुरानी इमारत को विरासती होटल के तौर पर विकसित करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी और पी.आई.डी.बी. को इस प्राजैकट बारे जल्द से जल्द कार्यवाही आरभ करने के निर्देश दिए।