जंगलों में आगजनी की घटनाओं की रोकथाम के लिए शुक्रवार को तहसील जोशीमठ एवं कर्णप्रयाग में मॉक अभ्यास कर तैयारियों का जायजा लिया गया। वानग्नि घटनाओं के प्रभावी रोकथाम के लिए जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने तहसील स्तर पर पूरी तैयारी रखने हेतु मॉक अभ्यास करने के निर्देश जारी किए थे। इसी क्रम में शुक्रवार को तहसील कर्णप्रयाग क्षेत्रान्तर्गत अपराह्न 12:20 बजे कर्णप्रयाग से 2 किमी दूर नौटी मोटर मार्ग पर स्थित जंगल में आग लगने की सूचना प्रसारित की गई। तहसील स्तरीय इंसीडेंट रिस्पांस सिस्टम के रिस्पोंसिबल ऑफिसर उप जिला मजिस्ट्रेट वैभव गुप्ता ने तत्काल आईआरएस से जुड़े सभी तहसील स्तरीय विभागीय अधिकारियों को जीआईसी कर्णप्रयाग मैदान में उपस्थित होने के निर्देश दिए। जीआईसी कर्णप्रयाग मैदान से वन विभाग, फायर सर्विस एवं राजस्व की एक टीम को आवश्यक उपकरणों के साथ घटना स्थल के लिए रवाना किया गया। घटना स्थल पर पहुचकर कडी मेहनत के बाद टीम 12:50 बजे आग बुझाने में सफल रही। मॉकड्रिल के दौरान एक व्यक्ति को घायल दिखाया गया। जिसे एम्बुलेंस से सीएचसी कर्णप्रयाग लाया गया। एसडीएम वैभव गुप्ता ने तहसील प्रशासन की टीम को ब्रीफ किया।
उन्होंने सभी विभागों को आपसी समन्वय रखते हुए आपदा से निपटने के लिए हर पल तैयार रहने को कहा। इस दौरान अलकनंदा भूमि संरक्षण वन प्रभाग गोपेश्वर के आटागाड रेंज कर्णप्रयाग के वन क्षेत्राधिकारी नवल किशोर नेगी, केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग गोपेश्वर के धनपुर रेंज के वन क्षेत्राधिकारी पंकज ध्यानी, चिकित्स बीपी पुरोहित, ईओ कर्णप्रयाग अंकित राणा, अग्नि शमन अधिकारी संदेश कुमार सकलानी सहित वन एवं राजस्व विभाग के अन्य कार्मिक मौजूद थे। वही दूसरी ओर तहसील जोशीमठ में भी नायब तहसीलदार प्रदीप नेगी के नेतृत्व में वनाग्नि को लेकर मॉक अभ्यास किया गया। तहसील जोशीमठ अन्तर्गत लगभग 3 बजकर 18 मिनट पर जोशीमठ रिजर्व कपार्ट नम्बर 02 के पास जंगल में आग लगने की सूचना प्रसारित की गई। तहसील स्तरीय इंसीडेंट रिस्पांस सिस्टम के सभी तहसील स्तरीय अधिकारियों को क्रू स्टेशन वन विभाग जोशीमठ में उपस्थित होने के निर्देश दिए गए। आग पर काबू पाने के लिए यहॉ से पूरी योजना के साथ एक टीम आवश्यक उपकरणों सहित घटना स्थल के रवान हुई। घटनास्थल पर आग को नियंत्रित करते हुए जंगल में फैलने से रोका गया। मॉक अभ्यास में एक कार्मिक को घायल दिखाया गया। मॉक अभ्यास में वन विभाग, फायर सर्विस, स्वास्थ्य एवं राजस्व विभाग के अधिकारी व कार्मिक शामिल थे।