शिअद ने पंजाब प्रदेश कांग्रेस के बर्खास्त प्रधान कैप्टन अमरेन्द्र सिंह को पूछा कि आपरेशन ब्लू स्टार के समय उसने इंदिरा गांधी के मुख्य सलाहकारों में होने संबधी उस समय की प्रधानमंत्री को सलाह देने में उसकी व्यक्तिगत भूमिका क्या थी और उस समय दौरान उसका कांग्रेस से इस्तीफा देने का स्टंट क्या सिक्खों को गुमराह करने की साजिश का एक हिस्सा थी?अमरेन्द्र सिंह को यह भी स्पष्ट करना चाहिए कि यदि वह आपरेशन ब्लू स्टार आपरेशन को श्रीमती इंदिरा गांधी द्वारा सिक्खों विरूद्ध अपराध मानता है तो फिर वह कांग्रेस में वापिस क्यो गया जिसने यह गुनाह करने का फरमान सुनाया था। उन्होने अमरेन्द्र सिंह को यह स्पष्टीकरण देने के लिए कहा कि क्योकि इंदिरा गांधी ने अपने ही देश के लोगों का मरवा के लिए विदेशी ताकतों की सहायता ली।
आज यहां पत्रकार सम्मेलन में संबोधन करते हुये अकाली नेताओं सुखदेव सिंह ढींडसा और बलविन्द्र सिंह भूंदड ने कहा कि यह तथ्य निरपक्ष विशलेषकों और मीडिया की उन शख्शियतो द्वारा स्पष्ट किये जा चुके है कि श्रीमती गांधी ने शिअद और इसके नेताओं को किनारे लगाने के लिए और सिक्खों का कत्लेआम करने के लिए श्री हरमिंदर साहिब जैसे पवित्र स्थान पर हमला करने से पहले पंजाब कांग्रेस से संबधित उच्च स्थान रखने वाल नेताओं से सलाह ली थी कैप्टन अमरेन्द्र सिंह, श्रीमती गांधी और उसके पुत्र राजीव गांधी के मुख्य सलाहकार के रूप में जाने जाते रहे हैँ और श्रीमती गांधी द्वारा पंजाब के प्रति अपनाए गये व्यवहार पर कैप्टन अमरेन्द्र सिंह की सलाह का प्रभाव लगता है इन तथ्यों की कभी भी कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने विरोधता नही की। उस समय उसका कांग्रेस से इस्तीफा देने का निर्णय एक पहले से निर्धारित राजनीतिक नाटक था जिसका मुख्य उदेश्य अकाली आंदोलन को खत्म करना था। कैप्टन अमरेन्द्र सिंह को पंजाब के लोगों को बताना चाहिए कि वह वापिस कांग्रेस पार्टी में क्यो गये जिसने पावन अकाल तख्त साहिब और हरमिंदर साहिब पर हमला करवाया अकाली दल ने केैप्टन सिंह से पूछा कि सिक्खों विरूद्ध जुल्म करने के लिए इंदिरा गांधी की विदेशी सहायता लेने के बारे में वह क्या सोचता है और अपने आप को उस पार्टी में किस तरह आराम दायक महसूस करता है जिसने भोले भाले बेगुनाह हजारो सिक्खों को उनके पवित्र धार्मिक स्थान और सेना को आदेश देकर हमला करवा कर मरवाया है।
अकाली नेताओं ने कहा कि कैप्टन अमरेन्द्र सिंह एक राजनीतिक डरामेबाज है वह हमेशा कांग्रेस पार्टी में अपना असितत्व कायम रखने के लिए ऐसे डरामे रचने का आदि हैं उसके द्वारा अकाली लीडरशिप पर लगाए गये दोष ऐसा ही एक संटट हैं। कांग्रेस के सिक्ख लीेडरों में हमेशा एक दूसरे से आगे निकलने के लिए अकाली लीडरों विशेषकर स. बादल को चुनौती देने की दोड़ लगी रहती है। अब जब कि अमरेन्द्र की अपनी पार्टी में बुरी स्थिति है वह राहुल गांधी की नजरों में खुद को हीरों साबित करने के लिए अपनी पुरानी बुरी हरकते अपना रहा है। इस समय जबकि नेहरू गांधी परिवार पर आपरेशन ब्लू स्टार के समय ब्रिटिश सरकार से सहायता लेने की खबरें सुर्खियों में है तो अमरेन्द्र सोनिया और राहुल के हक में बयान देकर उनका विश्वास दोबारा जीतने की कोशिश में है।