देश के अन्य राज्यों में प्रत्यक्ष छात्र संघ चुनाव हो रहे हैं तो हरियाण में क्यों नहीं यदि सरकार ने छात्र संगठनों को रोकने की कोशिश की तो आने वाले समय में भाजपा को छात्र संगठनों की तरफ से मुंह तोड़ जवाब दिया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं को गरीब परिवार से ताल्लुक रखने वाले बताए गए हैं लेकिन आज वो गरीबों की नहीं सुन रहे हैं। यदि प्रधानमंत्री सच में गरीब के बच्चों का भला चाहते है तो हरियाणा प्रदेश के अंदर प्रत्यक्ष छात्र संघ चुनाव बहाल कराने का आदेश हरियाणा सरकार को दें ताकि किसान, गरीब, दलित, पिछड़ों का बच्चा भी देश में अपने अधिकार प्राप्त कर सके। यह बात इनसो के राष्ट्रीय अध्यक्ष दिगिवजय सिंह चौटाला ने आज यहां छात्रों को सम्बोधित करते हुए कही। प्रत्यक्ष छात्र संघ चुनाव की मांग को लेकर आज एबीवीपी को छोडक़र सभी छात्र संगठन एक मंच पर आए और जब छात्र संगठनों के प्रतिनिधि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम ज्ञापन सौंपने गए तो उन्हें मस्तनाथ यूनिवर्सिटी के पास पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। छात्र संगठनों के आंदोलन को देखकर प्रशासन ने भारी पुलिस बल का प्रयोग किया लेकिन छात्र अपनी मांगों को मनवाने का मन बना चुके थे।
इनसो नेता ने कहा कि 22 साल बाद प्रदेश के छात्रों को उम्मीद की किरण नजर आई थी जिसे भाजपा पूरी करने में आनाकानी कर रही है। भाजपा को अपने घोषणा-पत्र में दोबारा से देख प्रत्यक्ष छात्र संघ चुनाव को करवाने को याद करना चाहिए। उन्होंने कहा कि सांपला में प्रधानमंत्री ने दीनबन्धु सर छोटू राम की प्रतिमा का अनावरण किया है तो उन्हें किसान, गरीब, दलित व पिछड़े के बच्चों के हकों के बारे में भी सोचना चाहिए। वहीं उन्होंने कहा कि सरकार की तरफ से बार-बार पत्र जारी होता है जिसमें 17 अक्तूबर को हरियाणा में चुनाव करवाने की बात कही गई है। यदि सरकार अप्रत्यक्ष चुनाव की सोच रही है तो इस बारे में सोचना बंद कर दें। क्योंकि एबीवीपी को छोडकऱ सभी छात्र संगठन प्रत्यक्ष संघ चुनाव के पक्ष में है। आज रोहतक में सरकार को छात्र हितों को ध्यान में रखते हुए एसएफआई के प्रदेशाध्यक्ष शहनवाज हुसैन, एनएसयूआई के प्रदेश महासचिव प्रदीप घनघस, इनसो के प्रदेशाध्यक्ष प्रदीप देशवाल ने छात्र हितों को ध्यान में रखते हुए अपने आंदोलन को ओर तेज किया। पांच बसों में प्रशासन के द्वारा छात्रों को भरकर सुनारिया जेल के पास ले जाया गया।
इस अवसर पर एसएफआई के शहनवाज हुसैन ने कहा कि आज भाजपा लोकतांत्रिक प्रणाली को दबाना चाहती है भाजपा सरकार छात्रों के संघर्ष से डरी हुई है इसलिए जब छात्र संगठन अपनी मांगों को लेकर सरकार के नुमाईदों के पास जाते हैं तो सरकार भारी पुलिस बल का प्रयोग करती है। उन्होंने कहा कि वो अपना हक मांग रहे हैं जो जायज है यदि प्रदेश के अंदर छात्र संघ चुनाव होंगे तो छात्र हितों को ध्यान में रखते हुए छात्र अपनी जायज मांगों को भी उठा पाएंगे और ठीक से पढ़ाई कर सकेंगे। वहीं आने वाले समय में प्रदेश को अच्छे राजनैतिक साथी मिलेंगे।एनएसयूआई के प्रदेश महासचिव प्रदीप घनघस और इनसो प्रदेशाध्यक्ष प्रदीप देशवाल ने कहा कि एक तरफ तो सरकार छात्र हितैषी होने का ढकोसला रचती है वहीं धरातल पर आलम यह है कि छात्रों की जायज मांगों को ही पूरा नहीं किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अब निर्णायक समय है एबीवीपी को छोडकऱ सभी छात्र संगठन एक मंच पर आ चुके हैं। छात्र अपनी मांगों को मनवाकर ही दम लेंगे। उन्होंने कहा कि आज तो केवल मात्र ज्ञापन देने के लिए छात्रों को बुलाया गया था यदि सरकार प्रत्यक्ष छात्र संघ चुनाव बहाल नहीं करेगी तो आने वाले समय में भाजपा सरकार को इसका परिणाम भुगतना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि भारत के संविधान में साफ-साफ शब्दों में लिखा है कि अपने अधिकार के लिए आवाज उठना कोई बुरी बात नहीं है। इसलिए भाजपा को जल्द से जल्द छात्रों की आवाज को सुनना चाहिए और प्रदेश के अंदर छात्र संघ चुनाव बहाल करवाना चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि प्रदेश के अंदर छात्र संघ चुनाव बहाल नहीं होंगे तो 12 अक्तूबर को सभी कॉलेजों व यूनिवर्सिटियों पर ताला जड़ा जाऐगा। प्रदर्शन में मुख्य रूप से इनेसा के बलराम मकडोली, सुमित एसएफआई, सुरेंद्र एसएफआई, पंकज एनएसयूआई, विशाल एनएसयूआई, प्रवीण एसएफआई, गुरजीत एसएफआई, अमित एसएफआई, देवेंद्र एनएसयूआई, अमित माजरा इनसो, रवि रेडडू इनसो, प्रदीप शर्मा, अनिल ढुल, कुलदीप राठी इनसो व राजू मेहरा प्रवक्ता सहित अनेक लोग उपस्थित थे।