राज्यपाल एन एन वोहरा ने राजभवन में एक बैठक की अध्यक्षता कर उच्च शिक्षा विभाग में रिक्तियों की स्थिति तथा भर्ती की गति की समीक्षा की। राज्यपाल के सलाहकार खुर्शीद अहमद गनई, लोकसेवा आयोग के चेयरमैन अब्दुल लतीफ देवा तथा उच्च शिक्षा विभाग के आयुक्त सरिता चौहान बैठक में उपस्थित थे। सरिता चौहान ने बताया कि वर्श 2014-18 के दौरान, विभाग में स्वीकृत राजपत्र पदों की 2357 रिक्तियों को आयोग को भेजा गया था, जिसने अगस्त 2018 तक 1500 रिक्तियों को भरने के लिए चयन किये थे, 857 रिक्तियां अभी भी लम्बित है। राजपत्रित पदों में राजकीय डिग्री कालेजों में सहायक प्रोफेसर, पुस्तकालय एवं भौतिक प्रशिक्षण प्रशिक्षक, इंजीनियरिंग एवं प्रोद्यौगिकी राजकीय कालेजों तथा वास्तुकला स्कूलों में नियोजित सहायक प्रोफैसर शामिल हैं। लोकसेवा आयोग द्वारा चयन की प्रक्रिया में देरी के कारकों पर व्यापक चर्चा के बाद राज्यपाल ने निम्नलिखित निर्देश दियेः (1) चेयरमैन देवा इस आदेश की प्राथमिकता सूची तैयार करेंगे जिसमें 5 नये चिकित्सा कालेजों के लिए समय पर पदों को भरने की तत्कालिकता पर विचार करते हुए पीएससी द्वारा विभिन्न पदों की भर्ती को अंतिम रूप दिया जायेगा। (2) यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिये गये कि सम्बंधित प्रशासनिक सचिव पीएससी द्वारा उठाये गये किसी भी प्रष्न पर तुंरत जबाव देने में कोई देरी न करें ऐसे सभी संदर्भ अब मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक अधिकारित समिति द्वारा निपटाये जायेगे, जिसमें उच्च शिक्षा विभाग, स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग, कृशि विभाग, महाप्रशासन विभाग, एआरआई एवं प्रशिक्षण विभाग तथा कानून विभाग के प्रशासनिक सचिव शामिल होंगे।
यह समितिः (ए) डिग्री के समकक्ष (विषेशरूप से नये और उभरते विशयों के संदर्भ में ) और पद के लिए प्रासंगिकता के सम्बंध में मुद्दों सहित सभी मामलों की जांच करेंगी जिसके लिए चयन किये जाने की आवश्यकता है, (बी) देश के प्रमुख उच्च शिक्षा संस्थानों तथा राश्ट्रीय स्तर शिक्षा नियामक प्राद्यिकरणों द्वारा अपनाई गई डिग्रियों की समानता के सामान्य मानदंडों को ध्यान में रखेगी, (सी) यह समिति पीएससी से प्राप्त संर्दभों के 30 दिनों के भीतर सभी मामलों का निर्णय लेगी, (3) आयोग की चयन प्रक्रिया में देरी मांगपत्र विभागों द्वारा पदों की आरक्षित, गैर आरक्षित और अन्य श्रैणियों के सम्बंध में समय पर स्पश्टीकरण की मांग के लिए भी होती है, इस तरह के सभी मामलों में आयोग से प्राप्त संदर्भ का 10 दिनों के भीतर उत्तर देना सम्बंधित प्रशासनिक सचिव की व्यक्तिगत जिम्मेदारी होगी। पीएससी को अपनी चयन प्रक्रियाओं को स्पश्ट रूप से गति देने हेतु कुछ दिनों पहले लिये गये निर्णय को दोहराते हुए राज्यपाल ने कहा कि यह मामले उनके ध्यान में आये हैं जहां सम्बंधित प्रशासनिक विभाग पीएससी को आने वाले कैलेंडर वर्श में उत्पन्न रिक्तियों के विवरण के बारे में देरी से सूचित करने के लिए जिम्मेदार हैं। इसके अतिरिक्त यह निर्णय लिया गया कि उच्च शिक्षा आयुक्त उच्च शिक्षा क्षेत्र में सभी स्तरों पर रिक्तियों की पाक्षिक समीक्षा करेगे और व्यक्तिगत रूप से यह सुनिश्चित करेंगे कि ऐसा कोई लम्बित मुद्दा न हो जो पीएससी की चयन प्रक्रिया में देरी कर सकता है।
संख्या 2293