आज अनुसूचित जाति उधमी सशक्तिकरण फोरम के प्रतिनिधिमण्डल ने गवर्नर पंजाब से भेंट कर माननिए राष्ट्रपति और माननिए प्रधान मंत्री के नाम ज्ञापन दिया । इस की जानकारी देते हुए श्री राजेश बाघा (पूर्व चेयरमैन अनुसूचित जाती आयोग पंजाब सरकार) व सीफ के मुख्य स्लाहकर ने बताया माँगपत्र में माननिए भारत के राष्ट्रपति, भारत के प्रधानमंत्री और पंजाब सरकार से अनुरोध किया गया है कि अनुसूचित जाती व जनजाति वर्ग कि जनसंख्या के हिसाब के आबंटित बजट को सही दिशा और उचित कल्याणकारी कार्यों पर खर्च किया जाए और यह तभी संभव हो सकता है जब अनुसूचित जाती सब-प्लान व जनजाति सब-प्लान कानून भारत सरकार और पंजाब सरकार इस क़ानून को जल्द से जल्द पारित करें। औरफोरम ने अपनी रिसर्च मे पाया है कि अनुसूचित जाती व जनजाति वर्ग कि जनसंख्या के हिसाब के बजट आबंटित नहीं किया जाता और आबंटित बजट को कभी भी पूर्णत्या खर्च नहीं किया जाता, सरकार के पास अनुसूचित जाती व जनजाति वर्ग के कल्याण कि कोई ठोस पालिसी या प्लानिंग भी नहीं है , नकारात्मिक प्रशासनिक सोच के चलते फंड्ज का दुरुपयोग होता है और आंकढ़े बताते हैं कि अनुसूचित जाती व जनजाति वर्ग के लिए आबंटित फंड्ज को सरकारों द्वारा किसी गैर-अनुसूचित जाती व जनजाति मद मेन खर्च कर दिया जाता है। इन सब पर रोक लगाने के लिए अनुसूचित जाती सब-प्लान व जनजाति सब-प्लान को कानूनी जामा पहनाना अति आवश्यक है ताकि इन फंड्ज का दुरुपयोग करने वालों को सजा के दायरे मे लाकर अनुसूचित जाती सब-प्लान व जनजाति सब-प्लान के अंतर्गत फंड्ज को सही दिशा में खर्च किया जा सके । फोरम ने उक्त माँगपत्र पर पंजाब भर से 10 लाख से ऊपर हस्ताक्षर करवाए हैं और इन हस्ताक्षर-युक्त माँगपत्र को राष्ट्रपति जी को उचित कार्यवाई के लिए राष्ट्रपति भवन नई दिल्ली में फोरम के वफ़्द द्वारा सौंपा जाएगा । आज के प्रतिनिधिमंडल की अगवाई श्री राजेश बाघा (पूर्व चेयरमैन अनुसूचित जाती आयोग पंजाब सरकार) व सीफ के मुख्य स्लाहकर ने की। प्रतिनिधिमंडल में जीवन सिंह, मंजीत बाली, प्रेम पाल डोमेली, भूपिंदर कुमार, मंजीत सिंह बूटर, गुरचरण लाडी, सरबजीत सिंह, पियारे लाल, संतोख सिंह गुम्टाला, सुनील दुत्त, बग्गा सिंह, कपूर चंद थापर, रांझा बक्शी, विजय सहजल, राज कुमार जोगी, राम मूर्ति , रूपेश चंदर, एडवोकेट दी एस बाग़ी, प्रोफ अक्षय इतियादी शामिल थे।