छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह का दावा है कि आगामी विधानसभा चुनाव में जीत हासिल कर भाजपा चौथी बार प्रदेश में सरकार बनाएंगे। उनका कहना है कि लगातार 14 साल से सत्ता में रहने के बावजूद मौजूदा सरकार के विरुद्ध प्रदेश के लोगों में कोई नाराजगी नहीं है। इस साल छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव होने जा रहा है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहने वाले रमन सिंह ने आईएएनएस को दिए एक साक्षात्कार में कहा, भाजपा दिसंबर 2003 से सत्ता में है और अबतक कोई सत्ता विरोधी लहर नहीं है। विभिन्न सार्वजनिक कार्यक्रमों के सिलसिले में इस साल मैंने दूर-दूर तक शहरी और ग्रामीण इलाकों का दौरा किया है और लोगों की नजरों में देखा कि वह भाजपा के शासन को जारी रखना चाहते हैं। उन्होंने कहा, हर कोई यहां तक कि विपक्षी पार्टी कांग्रेस भी जानती है कि प्रदेश में कहीं कोई सरकार विरोधी लहर नहीं है। कुछ इलाकों में स्थानीय अधिकारियों के खिलाफ न कि प्रदेश सरकार के खिलाफ लोगों की कुछ शिकायतें हैं। सरकार ने लोक सुराज अभियान, ग्राम सुराज अभियान और विकास यात्रा जैसे जनसंपर्क कार्यक्रमों के जरिए इन लोगों से संपर्क किया है।
आयुर्वेदिक चिकित्सक से नेता बने रमन ने कहा, छत्तीसगढ़ में लोगों की इच्छा है कि भाजपा को लगातार चौथा कार्यकाल मिलना चाहिए। प्रदेश में विकास कार्य और मैंने जो शासन-व्यवस्था कायम की है, उसका यह नतीजा है। खनिज पदार्थो से समृद्ध राज्य छत्तीसगढ़ की 90 सदस्यी विधानसभा के लिए इस साल होने वाले चुनाव में रमन सिंह ने 65 से अधिक सीटों पर भाजपा का कब्जा होने की संभावना जताई है। 66 वर्षीय राजनेता ने कहा, भाजपा के शासन में प्रदेश में आमूलचूल बदलाव आया है। सभी 27 जिलों में आपको बेहतर सड़कों का नेटवर्क मिलेगा। वन क्षेत्र में भी विद्यालय और अस्पताल खोले गए हैं। सिंह ने बताया कि उनकी सरकार एक महीने में महिलाओं और कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए संचार क्रांति योजना के तहत दुनिया में सबसे बड़ी मुफ्त स्मार्टफोन वितरण योजना शुरू करेगी। छत्तीसगढ़ में भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधी टक्कर का इतिहास रहा है। राज्य में 2013 में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 49 सीटों पर जीत दर्ज की थी, जबकि कांग्रेस के खाते में 39 सीटें गई थीं। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और निर्दलीय उम्मीदवार क्रमश: एक-एक सीट पर विजीय हुए थे।
हालांकि भाजपा और कांग्रेस के वोटों का फासला एक फीसदी से भी कम था। पूरे राज्य में भाजपा और कांग्रेस उम्मीदवारों के विजयी मतों का अंतर महज 92,000 था। मगर इस साल छत्तीसगढ़ में त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिलेगा, क्योंकि राज्य के प्रथम मुख्यमंत्री अजित जोगी ने कांग्रेस छोड़कर अपनी अलग पार्टी बनाई है और वह छत्तीसगढ़ का एच.डी. कुमारस्वामी बनने का सपना देख रहे हैं। रमन ने भी स्वीकार किया है कि प्रदेश में कुछ सीटों पर 2018 के विधानसभा चुनाव में त्रिकोणीय मुकाबला होगा और चुनावी मैदान में तीसरे दल के आने से चुनाव रोचक बन जाएगा। उधर, राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि व्लीलचेयर के सहारे चलने वाले जोगी की पिछले दिनों भाजपा के साथ निकटता बढ़ी है, क्योंकि वह छत्तीसगढ़ कांग्रेस अध्यक्ष और मुख्यमंत्री पद के संभावित उम्मीदवार भूपेश बघेल से नफरत करते हैं। जोगी की अगुवाई में जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जेसीसी) के बारे में बताया जाता है कि उसे कांग्रेस का परंपरागत वोट मिल सकता है और पार्टी 20-22 सीटें जीत सकती है। कुछ विश्लेषक बताते हैं कि वह मुख्य रूप से कांग्रेस का पांच-छह फीसदी वोट काटेगी। बसपा नेता मायावती ने उनसे बातचीत का रास्ता खुला रहा है। हालांकि बसपा को कांग्रेस भी अपने साथ लेना चाहेगी, क्योंकि कांग्रेस हर हाल में भाजपा को सत्ता से बाहर देखना चाहेगी।