वन एवं पर्यावरण मंत्री चौ. लाल सिंह ने आज कहा कि सरकार अतिक्रमणों पर कोई समझौता नही करेगी तथा उल्लंघन करने वालों के साथ सख्ती से निपटा जाएगा।मंत्री ने यह बात आज नगरोटा के खानपुर में राश्ट्रीय राजमार्ग पर पौधारोपण, वन भूमि से अतिक्रमण हटाने, एसएफआरआई की नर्सरियों के विकास, कैम्पा के तहत निधि के उपयोग, तालाबों को बहाल करने, एसपीसीबी की ऑनलाईन स्वीकृति प्रबंधन, इको टूरिजम प्लांट तथा जम्बू ज़ु की प्रगति की समीक्षा के उपरंात वन तथा सम्बंधित विंगों के अधिकारियों के साथ बातचीत करते हुए कही। प्रमुख मुख्य वन संरक्षक रवि केसर, एसपीसीबी के चेयरमैन बी. सिधार्थ कुमार, निदेशक सामाजिक वानिकी अश्वनी गुप्ता, र्प्यावरण एवं दूरसंवेदी निदेशक ओ.पी. शर्मा, भू एवंज ल संरक्षण निदेशक जावेद इकबाल कुंजू, वन इको टूरिजम के मुख्य संरक्षक जे. फ्रनकोई, राज्य वन निगम के प्रबंध निदेशक सुरेष गुप्ता, वन संरक्षक फारूक गिलानी, एसएफआरआई निदेशक बी.एम. शर्मा, कंजरवेटर आफ फारेस्ट ईस्ट सर्कल ख्वाजा कमरूदीन, क्षेत्रीय निदेशक सामाजिक वानिकी रूप कौर अवतार, क्षेत्रीय निदेशक वन्यजीव डॉ. वी.एस. सिंथिल कुमार, क्षेत्रीय निदेशक चौधरी शौकत अली के अतिरिक्त वन विभाग तथा सम्बधित विंगों के अन्य वरिश्ठ अधिकारी बैठक में उपस्थित थे।मंत्री ने एसपीसीबी को अतिक्रमणों पर कडी निगरानी रखने तथा अतिक्रमण करने वालों के साथ सख्ती से निपटने के निर्देश दिये। उन्होंने समयबद्ध तरीके से बेहतर परिणामों की प्राप्ति हेतु एसपीसीबी के बुनियादी ढांचे को मजबूत बनाने के निर्देश भी दिये।
चौ. लाल सिंह ने कहा कि सरकार ने वनों से अतिक्रमण हटाने के लिए ठोस कदम उठाये हैं। उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया में वन विभाग ने पूर जम्मू क्षेत्र से 2903.65 भूमि की पुनः प्राप्ति की है तथा गत 2 वर्शों में जम्मू शहर तथा इसके बाहरी इलाकों में 205 हैक्टर भूमि पर से अतिक्रमण हटाया है। मंत्री ने कहा कि सरकार पूरे राज्य में वनों तथा वन्यजीव के संरक्षण हेतु ढांचागत नितियों पर कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि पूरे राज्य में वन तथा वन्यजीव भूमि का सीमांकन शुरू किया जा चुका है।मंत्री ने कहा कि विभाग ने हाईटेक नर्सियों की स्थापना तथा मौजूदा नर्सरियों के उन्नयन सहित कई नये कार्यक्रम शुरू किये हैं। उन्होंने एसएफआरआई से फलों और सजावटी पौधों के साथ नर्सरियों को आधुनिक रेखाओं पर विकसित करने के लिए कहा।मंत्री ने अधिकारियों को सजावटी पौधों को विकसित कर निश्क्रिय नर्सरियों को पुनः बहाल करने तथा मजबूत बनाने के निर्देश दिये। उन्होंने सिंचाई के लिए वनों और नर्सरियों में छोटे तालाबों का निर्माण करने के लिए कहा। मंत्री ने आम लक्ष्य की प्राप्ति हेतु विभिन्न एजैंसियों के बीच गहरा तालमेल बनाये रखने की आवष्यकता पर बल दिया तथा कहा कि उद्योग, स्थानीय निकायों तथा परिवहन जैसे विभागों के बीच सामुहिक प्रयासों से बेहतर परिणाम सुनिष्चित किये जा सकते हैं।