डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को दुष्कर्म मामले में पंचकुला की सीबीआई अदालत द्वारा दोषी ठहराए जाने के बाद उनके नाराज भक्त हिंसा पर उतर आए। पंजाब व हरियाणा के कई हिस्सों में हिंसा फैल गई। समर्थकों को काबू में करने के लिए सुरक्षा बलों द्वारा की गई गोलीबारी में 30 लोगों की मौत हो गई। इसमें 200 से ज्यादा लोग घायल हो गए हैं। पंजाब के मनसा, बठिंडा, पटियाला, फजिल्का व फिरोजपुर शहरों में कर्फ्यू लगा दिया गया है। इन जगहों पर डेरा सच्चा सौदा के समर्थक अधीरता से सीबीआई के फैसले का इंतजार कर रहे थे। फैसला आते ही यह हिंसा पर उतारू हो गए।कुछ ही देर में हरियाणा का पंचकुला जैसे किसी युद्ध क्षेत्र में बदल गया।राम रहीम के पंजाब व हरियाणा में लाखों समर्थक हैं। पंजाब में दस जगहों पर सेना को बुलाया गया है।यह सब तब शुरू हुआ जब सीबीआई अदालत के विशेष न्यायाधीश जगदीप सिंह ने विवादास्पद डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को 2002 में अपनी दो शिष्याओं के साथ दुष्कर्म के आरोपों का दोषी करार दिया। राम रहीम को सोमवार को सजा सुनाई जाएगी।अदालत की 15 सालों की लड़ाई खत्म होने के बाद डेरा प्रमुख को हिरासत में लिया गया। इसके बाद बाहर तैनात सैनिकों ने अदालत परिसर का प्रभार संभाल लिया।
अदालत के सूत्रों ने कहा कि डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम अदालत में न्यायाधीश के फैसला सुनाए जाने के दौरान अपने हाथ प्रार्थना की मुद्रा में जोड़े हुए थे और अपनी आंखें बंद की हुई थीं। फैसले के बाद त्वरित मेडिकल चेकअप हुआ और उन्हें हरियाणा के रोहतक की जेल ले जाया गया।इस दौरान शहर में लाखों की संख्या में बाबा समर्थकों व हजारों सुरक्षा कर्मियों की मौजूदगी रही। समर्थकों ने पहले सोचा था कि उन्हें छोड़ दिया जाएगा, लेकिन वह बाद में उदास हो गए और फिर नाराजगी से भर गए।अदालत ने अभूतपूर्व सुरक्षा के बीच फैसला सुनाया। इस दौरान हजारों पुलिसकर्मी व अर्धसैनिक बल अदालत के बाहर तैनात थे। लेकिन, इस सबके बावजूद फैसले के बाद भीड़ आनन-फानन में सड़कों पर उतर आई और सैकड़ों वाहनों व इमारतों को फूंक डाला।पंचकुला के निवासियों ने आईएएनएस को फोन पर बताया कि भीड़ ने हमला किया और एक बेकरी व सिनेमा थिएटर व एक होटल में आग लगाने की कोशिश की और सैकड़ों कारों व दो पहिया वाहनों को आग लगा दी। निवासियों ने खुद को घरों में कैद कर लिया।शुरुआत में बड़ी भीड़ ने सुरक्षा बलों पर हमला कर उन्हें पीछे हटने को मजबूर कर दिया। इसके साथ ही पत्रकारों पर भी हमला किया गया। कुछ पत्रकारों ने लोगों के घरों में शरण ली। इसके बाद सुरक्षा बलों ने गोलीबारी की। इसमें 30 प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई।
प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि सुरक्षा कर्मियों व मीडिया के लोगों सहित करीब 200 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। कुछ लोगों के शरीर से खून बह रहा था व कुछ गोलियों से जख्मी सड़क पर पड़े थे। पंचकुला पूरी तरह से काले घुएं में डूब गया था।कुछ घंटे के बाद हरियाणा के पुलिस महानिदेशक बी.एस. संधु ने कहा, "पंचकुला अब 100 फीसदी सुरक्षित है।"पंजाब के मलाउत व मनसा शहर के दो रेलवे स्टेशनों को जलाने की कोशिश की गई। संगरूर के एक बिजली कार्यालय को आग लगा दी गई। मनसा में दो आयकर विभाग के वाहनों को आग लगाई गई।संगरूर में लहरगागा कस्बे में एक तहसील कार्यालय को आग के हवाले कर दिया गया। पंजाब के मुक्तसर जिले के लांबी शहर में एक नकाबपोश ने एक टेलीफोन एक्सचेंज पर पेट्रोल बम फेंका व हवा में गोलियां दागीं। इससे दहशत फैल गई।हरियाणा में ज्यादातर शहरों में व्यापारियों ने दुकानें बंद रखीं।रोहतक शहर की सुरक्षा व्यवस्था सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स के हवाले कर दी गई। यह शहर बीते साल फरवरी में जाट आंदोलन की भी गिरफ्त में आ चुका है। उस आंदोलन का भी कुछ ऐसा ही हाल रहा था।पंजाब व हरियाणा के मुख्यमंत्रियों अमरिंदर सिंह व मनोहर लाल खट्टर ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है।दिल्ली में ट्रेन के दो खाली डिब्बों व दो बसों में आग लगा दी गई। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की।अमरिंदर सिंह ने कहा, "हमारे बल किसी हिंसा को रोकने के लिए तैयार हैं।" उन्होंने कहा कि सेना को दस जगहों पर बुलाया गया। सैनिकों ने जिरकपुर व बनुर कस्बों में फ्लैग मार्च किया है। यह दोनों स्थान पंचकुला से सटे हैं।केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने अमरिंदर सिंह व खट्टर से बातचीत कर कानून व व्यवस्था को बनाए रखने के लिए मदद का भरोसा दिया।