सरकार ने पहली बार सेवा क्षेत्र में एक सर्वेक्षण शुरू किया है, जिसका मकसद विनिर्माण क्षेत्र द्वारा प्रदान किए जाने वाले आंकड़ों की तर्ज पर सेवा संस्थानों से आंकड़े इकट्ठा करना है। सरकार की तीन साल की उपलब्धियों को गिनाते के दौरान मुख्य सांख्यिकीविद् टी.सी.ए.अनंत ने यहां संवाददाताओं से कहा, "सेवा क्षेत्र सर्वेक्षण संस्थानों के इस्तेमाल की पुष्टि करने के लिए किया जा रहा है, जिसका इस्तेमाल सेवाओं पर नियमित सर्वेक्षण करने के लिए आधार के रूप में किया जाएगा। यह लेखा की उपलब्धता की पड़ताल करेगा, जिसका इस्तेमाल सेवा सर्वेक्षण में होता है।"अनंत ने कहा, "सर्वेक्षण यह जांच करेगा कि सेवा संस्थान उसी तरह के लेखा आंकड़े प्रदान करने में सक्षम हैं, जो विनिर्माण संस्थान देते हैं।"
सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय (एमओएसपीआई) ने भी इस साल एक रोजगार सर्वेक्षण शुरू किया है, जो पहले के श्रम सर्वेक्षणों से अधिक नियमित होगा।सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्री डी.वी.सदानंद गौड़ा ने प्रेस वार्ता में संवाददाताओं से कहा, "रोजगार सर्वेक्षण शहरी क्षेत्रों के रोजगार क्षेत्र का तिमाही आंकड़ा देगा, जबकि ग्रामीण क्षेत्र का सालाना आंकड़ा प्रदान करेगा।"अनंत ने कहा, "श्रम सर्वेक्षण ग्रामीण तथा शहरी क्षेत्रों के श्रम विशेषताओं का सालाना अनुमानित आंकड़ा प्रदान करेगा। इसका मूल मकसद उपलब्ध रोजगार पर नियमित तौर पर आंकड़े उपलब्ध कराना है। सर्वेक्षणों की संख्या तथा नियमित तौर पर काम को लेकर यह रोजगार पर किए जाने वाले अन्य सर्वेक्षणों से अलग है।"रोजगार सर्वेक्षण के नतीजे साल 2018 के अंत तक आ जाएंगे।