इनेलो ने एसवाईएल को लेकर भाजपा सरकार की मंशा पर सवालिया निशान लगाते हुए कहा कि सरकार की मंशा ठीक नहीं है और केंद्रीय गृह मंत्री द्वारा उत्तरी क्षेत्रीय परिषद की बैठक में एसवाईएल का समाधान बातचीत के माध्यम से हल करने बारे दिया गया सुझाव भाजपा की हरियाणा विरोधी मंशा को दर्शाता है। इनेलो के वरिष्ठ नेता एवं विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष चौधरी अभय सिंह चौटाला और प्रदेश अध्यक्ष अशोक अरोड़ा ने एक ब्यान में केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह द्वारा उत्तरी क्षेत्रीय परिषद बैठक में एसवाईएल के मसले को बातचीत से सुलझाने बारे दिए गए सुझाव को प्रदेश के हितों पर चोट पंहुचाने का प्रयास बताते हुए कहा कि ऐसे सुझाव से साफ है कि भाजपा सरकार एक बार फिर हरियाणा के हितों के साथ खिलवाड़ करने के मंसूबे बना रही है। उन्होंने कहा कि इससे भाजपा का हरियाणा विरोधी चेहरा भी पूरी तरह से बेनकाब हो गया है। इनेलो नेताओं ने कहा कि एसवाईएल पर लम्बी कानूनी लड़ाई के बाद सर्वोच्च न्यायालय की संवैधानिक पीठ का फैसला हरियाणा के पक्ष में आ चुका है और इस फैसले के अनुसार एसवाईएल के अधूरे निर्माण को पूरा करवाने की जिम्मेदारी केंद्र सरकार पर है। उन्होंने कहा कि राजनाथ सिंह केंद्रीय गृह मंत्री हैं और उन्हें मामले को लटकाने वाले बयान देने की बजाय अपनी संवैधानिक जिम्मेदारी निभाते हुए सर्वोच्च न्यायालय के फैसले को लागू करते हुए तुरंत नहर के अधूरे निर्माण को पूरा करवाना चाहिए।
इनेलो नेताओं ने कहा कि इनेलो एसवाईएल के निर्माण को लेकर निरंतर आंदोलनरत है और इनेलो को सर्वोच्च न्यायालय का फैसला लागू किए जाने से कम कुछ भी मंजूर नहीं है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री के बयान से यह साफ हो गया है कि भाजपा की नीयत ठीक नहीं है और एक बार फिर जान बूझकर मामले को उलझाना चाहती है। इनेलो नेताओं ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय की संवैधानिक पीठ का इस मामले में अंतिम फैसला आने के बाद अब इस फैसले को लागू कर सभी पक्षों को न सिर्फ अदालत का सम्मान करना चाहिए बल्कि यह भी दर्शाना चाहिए कि केंद्र व पंजाब सरकार के मन में अदालती फैसलों व अदालतों के प्रति पूरा सम्मान है। इनेलो नेताओं ने चेतावनी दी कि अगर केंद्र ने इस नहर का निर्माण कार्य 9 जुलाई तक शुरू न करवाया तो इनेलो कार्यकर्ता 10 जुलाई को अम्बाला जिले में पंजाब से हरियाणा सीमा में प्रवेश करने वाले पंजाब के वाहनों को रोककर अपना विरोध दर्ज करवाएंगे। इनेलो नेताओं ने कहा कि एसवाईएल हरियाणा की जीवनरेखा है और इसके लिए उनकी पार्टी बड़ी से बड़ी कुर्बानी देने के लिए भी तैयार है।
इनेलो नेताओं ने कहा कि हरियाणा को अलग राज्य के तौर पर अस्तित्व में आए हुए 50 साल से ज्यादा समय हो गया है और अभी तक उसे अपने हिस्से का पानी लेने के लिए निरंतर संघर्ष करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि आज हरियाणा की जनता बूंद-बूंद पानी को तरस रही है और लोगों को पीने का पानी भी मोल लेना पड़ रहा है। ऐसे में केंद्र सरकार को अपने संवैधानिक कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए देश की सबसे बड़ी अदालत के फैसले का तुरंत सम्मान करना चाहिए और इस मामले को लटकाने के लिए बहानेबाजी तलाशने व बे-सिर पैर के सुझाव देने की बजाय तुरंत एसवाईएल का निर्माण शुरू करवाना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज केंद्र व हरियाणा में दोनों जगह भाजपा की सरकार है और अगर केंद्र के दबाव में प्रदेश सरकार ने कमजोरी दिखाते हुए मामले को लटकाने के प्रयास किए तो प्रदेश की जनता उन्हें कभी माफ नहीं करेगी और ऐसे सुझाव को किसी भी कीमत पर स्वीकार करने को तैयार नहीं है।