गोवा के मुख्यमंत्री लक्ष्मीकांत पारसेकर ने रविवार को कहा कि खाली पड़े और छोड़ दिए खनन गड्ढ़ों का पुनरुद्धार होना चाहिए और पर्यावरण और अतिथि सत्कार के उद्देश्य के लिए इन्हें रूपान्तरित किया जाना चाहिए। पारसेकर ने कहा, "खनन क्षेत्रों में वन्यजीव संरक्षण आवश्यक है। पंद्रह दिन पहले मैं सैंकुएलिम में वेदांता खान देखने गया था। उन लोगों ने वहां पुनरुद्धार का काम बहुत अच्छे ढंग से किया है। खान मालिकों को देखना चाहिए कि कैसे उन लोगों ने छोड़े और खारिज की गई खानों का पुनरुद्धार किया है और उन्हें पर्यावरण एवं अतिथि सत्कार परियोजनाओं के लायक बना दिया है।"
यह आयोजित एक कार्यक्रम के इतर पारसेकर ने संवाददाताओं से कहा, "अगर ऐसा होता है तो गोवा में पर्यावरण संतुलन अच्छा हो जाएगा।"गोवा में बड़े पहाड़ों को खोद कर लौह अयस्कों का खनन होता है। ये पहाड़ लौह अयस्कों के गुप्त भंडार हैं। लौह अयस्क निकाले जाने बाद गड्ढ़े बन जाते हैं जो कई सौ मीटर गहरे होते हैं। आम तौर पर खनन कंपनियां इन्हें त्याग देती हैं।पारसेकर ने कहा कि मानसून से राज्य के पर्यावरण संतुलन नही बिगड़े तो सरकार पूर्ण रूप से खनन कार्य फिर से शुरू करने का हर संभव प्रयास करेगी।