वर्ष 2008 में बाटला हाउस में हुए मुठभेड़ को लेकर कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह द्वारा उसे फर्जी करार देने के दावे को पूर्व गृहमंत्री शिवराज पाटील ने बुधवार को खारिज कर दिया और कहा कि यह एक असली मुठभेड़ था। पाटील ने एक टीवी चैनल से कहा, "मैंने पहले भी यही कहा था कि मुठभेड़ नकली नहीं है और मैं आज भी अपने रुख पर कायम हूं। इसका मतलब यह है कि गृहमंत्री और गृह मंत्रालय को पुलिस द्वारा जो जानकारी दी गई और जो पुलिस वाले इसमें शामिल थे, उन्होंने जो जानकारी दी है, वह भरोसा करने लायक है और उसमें कहा गया है कि यह मुठभेड़ था।"पाटील ने आगे कहा, "और यही नहीं, एक पुलिसवाले (मोहनचंद शर्मा) भी इसमें मारे गए। जो आदमी आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई करने गया था, वह मारा गया। आप कैसे कह सकते हैं कि यह फर्जी मुठभेड़ था?"
वरिष्ठ कांग्रेसी नेता दिग्विजय सिह ने मंगलवार को कहा था कि 2008 के बाटला हाउस मुठभेड़ को लेकर वह अपने पहले के बयान पर कायम हैं कि यह एक फर्जी मुठभेड़ था। इस मुठभेड़ में इंडियन मुजाहिदीन के दो संदिग्ध आतंकवादी मारे गए थे, जिसे उन्होंने फर्जी बताया था। एक टीवी चैनल ने एक आईएस के वीडियो में संदिग्ध बड़ा साजिद की मौजूदगी का दावा किया है।वरिष्ठ कांग्रेसी नेता के बयान के बारे में पूछे जाने पर पाटील ने कहा, "मैं इस पर कोई बयान नहीं दूंगा कि क्या हुआ और क्या होना चाहिए था। मैं केवल यह कहना चाहूंगा कि मुझे मिली सूचनाओं के आधार पर मैं इस निष्कर्ष पर पहुंचा हूं कि यह एक मुठभेड़ था। आप किसी एक व्यक्ति के बयान पर पूरी कांग्रेस पार्टी का बयान नहीं कह सकते।"