राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार को 'कार्य प्रगति पर है' की संज्ञा देते हुए उद्योग संघ एसोसिएटेड चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (एसोचैम) ने रविवार को कहा कि कर विवादों पर काफी कुछ किया जाना अभी बाकी है और बैंकिंग प्रणाली पर भारी-भरकम बुरे ऋण को लेकर चिंता बनी हुई है। एसोचैम के अध्यक्ष सुनील कनोरिया ने एक बयान में कहा, "राजग के लिए यही कहना उचित होगा कि यह 'कार्य प्रगति पर है' की तरह है, क्योंकि रेलवे और राजमार्ग परियोजनाओं के परिणाम आने में समय लगेगा। सरकारी बैंकों के भारी भरकम ऋण की समस्या का मुख्य कारण हालांकि कारोबारी सुस्ती है।"
उन्होंने कहा, "जहां तक कर विवादों और मुकदमों का सवाल है, तो काफी कुछ किए जाने की जरूरत है।"सरकार के प्रदर्शन को 10 में से सात अंक देते हुए एसोचैम ने कहा कि देश की आर्थिक स्थिति निश्चित रूप से संभली है और सड़क, राजमार्ग, रेलवे तथा ऊर्जा क्षेत्रों में कुछ साहसिक कदम उठाए गए हैं।एसोचैम ने हालांकि कृषि और ग्रामीण आबादी की दशा में सुधार के लिए आक्राम पहल की जरूरत पर बल दिया।वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विधेयक के बारे में कनोरिया ने कहा कि वर्तमान राजनीतिक समीकरण को देखते हुए इसके जल्द पारित होने की उम्मीद नहीं है।स्किल इंडिया, स्टार्ट-अप इंडिया और जन धन की सराहना करते हुए बयान में कहा गया है, "समुचित और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए काफी कुछ करने की जरूरत है।"बयान में कहा गया है, "इसके अलावा स्वास्थ्य क्षेत्र पर सरकारी खर्च बढ़ाने की जरूरत है और अकेले बीमा पर निर्भरता काफी नहीं होगी।"