कैनेडा के जियोर्जियन कॉलेज और कॉनेस्टोगा कॉलेज के प्रतिनिधि कॉन्टिनेंटल ग्रुप ऑफ इंस्टिट्यूट्स के फ्लैगशिप संस्थान कॉन्टिनेंटल इंस्टिट्यूट फॉर इंटरनेशनल स्टडीज (सीआईआईएस) में पहुंचे। इस प्रतिनिधि मंडल में शामिल थे जियोर्जियन कॉलेज के मकैनिकल इंजीनियरिंग के प्रोग्राम हेड गैरी हैरिस और ऑटोमोटिव बिजनेस के प्रोग्राम हेड जेम्स स्मिथ और कॉनेस्टोगा कॉलेज के इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग के फैकल्टी माइकल फिलिप्स।जियोर्जियन कॉलेज के साथ 2005 से सीआईआईएस सहयोग कर रहा है और अब इसे और बढ़ाने की ओर अग्रसर है। सीआईआईएस ने सफलतापूर्वक 1000 से भी ज्यादा स्टूडेंट्स को जियोर्जियन कॉलेज भेजा है। वहीं कॉनेस्टोगा कॉलेज में इस साल 12 से ज्यादा स्टूडेंट्स का पहला बैच जाएगा जो कि वहां अपनी सेकेंड ईयर की पढ़ाई करेंगे।कई दूसरे कैनेडियन कॉलेजों और यूनिवर्सिटी के साथ (जैसे थॉम्प्सन रिवर्स यूनिवर्सिटी, सस्केचवान पॉलीटेक्रिक और शेरिडन कॉलेज) भी सीआईआईएस का सहयोग है। कैनेडियन प्रतिनिधियों ने सीजीआई के एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर डॉ. एम.एस. ग्रेवाल और प्रोग्राम कॉर्डिनेटर्स के साथ मुलाकात की। दोनों तरफ के अधिकारी इस मुद्दे पर बातचीत कर रहे हैं कि कैसे हॉस्पिटैलिटी और ट्रेड मैनेजमेंट में रुचि रखने वाले छात्रों के लिए और जॉइंट प्रोग्राम लाए जाएं।
विजिट के दौरान प्रतिनिधियों ने सभी कोर्सेज के छात्रों से भी बातचीत की और सीआईआईएस में मुहैया करवाई जाने वाली शिक्षा से काफी संतुष्ट नजर आए। दोनों ही पक्षों ने इस प्रस्ताव में रुचि दिखाई पर आखिरी फैसला अभी होना बाकी है।डॉ. ग्रेवाल ने कहा, 'हमें खुशी है कि कैनेडियन प्रतिनिधियों को अपनी सीआईआईएस की विजिट पसंद आई और उन्होंने भविष्य में और मौकों पर काफी रुचि दिखाई।सीआईआईएस भारत के सबसे बड़े इंटरनेशनल कॉलेजों में से एक है जहां स्टूडेंट्स को डिप्लोमा या डिग्री का पहला साल भारत में करने और बाकी की पढ़ाई कैनेडा में करने का मौका मिलता है। सीआईआईएस के स्टूडेंट्स को लेटेस्ट नॉर्थ अमेरिकन टीचिंग के तौर-तरीकों और करिकुलम का फायदा मिलता है। सीनियर कैनेडियन और ब्रिटिश फैकल्टी सीआईआईएस में समय-समय पर आते रहते हैं।प्रोग्राम पूरा होने पर स्टूडेंट्स को परमानेंट रेजिडेंसी के लिए अप्लाई करने का विकल्प मिलता है और अब तक 3000 से ज्यादा सीआईआईएस के स्टूडेंट्स को दुनिया भर में विभिन्न जगहों पर प्लेसमेंट मिली है।