रोहित शर्मा इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के सबसे सफल कप्तान रहे हैं। उन्होंने मुंबई इंडियंस को 2013, 2015 और 2017 में तीन बार लीग का खिताब दिलाया है। लीग के इस सीजन में मुंबई ने लगातार दो जीत हासिल कर प्लेऑफ की दौड़ में अपने आप को बनाए रखा है और कप्तान का मानना है कि उनकी टीम अभी भी इस लीग में अच्छा कर सकती है। मुंबई की शुरुआत बेहद खराब रही थी। वह जीत के लिए संघर्ष कर रही थी, लेकिन किंग्स इलेवन पंजाब और कोलकाता नाइट राइडर्स के खिलाफ दो लगातार जीत हासिल कर अपने आप को प्लेऑफ की दौड़ में बनाए रखा है। रोहित को उम्मीद है कि उनकी टीम में युवा और अनुभवी खिलाड़ियों को मिश्रण है जो उनकी टीम के लिए फायदेमंद है। रोहित ने आईएएनएस से बातचीत में कहा, “हमारे पास टी-20 के अनुभवी और युवा खिलाड़ियों को अच्छा मिश्रण है। इस संयोजन के अनुभव और उर्जा से मैं आश्वस्त हूं कि हमारे लिए यह लीग अच्छी साबित होगी।”आईपीएल के इस सीजन से पहले पैट कमिस चोटिल हो गए थे जो मुंबई के लिए बड़ा झटका था। कमिस के बारे में जब रोहित से पूछा गया तो उन्होंने कहा, “कमिस का चोटिल हो जाना हमारे लिए काफी निराशाजनक है।”इस सीजन में टीम इस समय 10 मैचों में तीन जीत के साथ पांचवें स्थान पर है। उनसे जब पूछा गया कि वह कैसे अपने सर्वश्रेष्ठ टीम संयोजन का चयन करते हैं?
इस पर रोहित ने कहा, “अपनी टीम के लिए सर्वश्रेष्ठ करना और अंतिम एकादश का सर्वश्रेष्ठ उपयोग करने पर ही मेरा ध्यान होता है। कई बार ऐसा होता है कि आप अपनी अंतिम एकादश का इस्तेमाल सही तरीके से नहीं कर पाते हैं, इसलिए मेरी कोशिश होती है कि मैं हमेशा अपनी अंतिम-11 खिलाड़ियों का इस्तेमाल सर्वश्रेष्ठ तरीके से करूं।”वनडे क्रिकेट में तीन दोहरे शतक लगा चुके रोहित को कई लोग नैसर्गिक प्रतिभा का धनी मानते हैं लेकिन यह बल्लेबाज इस तमगे को अपने साथ नहीं देखना चाहता है। उन्होंने कहा, “मैं इस तमगे का समर्थक नहीं हूं क्योंकि मैंने अपनी काबिलियत को काफी मेहनत करके निखारा है। मैंने एक गेंदबाज के तौर पर शुरुआत की थी। बल्लेबाजी पर मैंने काफी बाद में काम किया। मैं जब भी मैदान पर कदम रखता हूं अपना सर्वश्रेष्ठ देने की कोशिश करता हूं। मैं यही अंत तक करना चाहता हूं।”मैदान पर रोहित काफी शांत रहते हैं, मैदान के बाहर भी क्या उनका यही रवैया रहता है? इस पर रोहित ने कहा, “एक पेशेवर खिलाड़ी बनने के लिए शरीरिक फिटनेस जितनी जरूरी है उतना ही जरूरी है कि आप शांत रहें। मैंने यह जाना है कि शांत रहने का मतलब है कि आप अपना पूरा ध्यान उस पर लगाते हैं जो आप करना चाहते हैं। आपके आस-पास जो भी चल रहा होता है आप उस पर ध्यान नहीं देते हैं बल्कि अपने लक्ष्य पर ध्यान देते हैं।”