पंजाब विधान सभा में विरोधी पक्ष के नेता सुखपाल सिंह खहरा ने मंगलवार को कैप्टन अमरिन्दर सिंह के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार की आलोचना करते उनके द्वारा नशों के तस्करों को नकेल डालने की बातें करने को झूठा और बेबुनियाद बताया। मीडिया में जारी ब्यान में खहरा ने कहा कि कांग्रेस के एम.एल. ए सुरजीत सिंह धीमान द्वारा एक समागम दौरान यह कहना कि नशा पंजाब के हर गली और कूचे में उपलब्ध है। आम आदमी पार्टी के नशों सम्बन्धित ब्यानों को पुख्ता करता है। खहरा ने कहा कि धीमान ने यह बात लोगों के समक्ष कही कि नशों के कारोबार में सरकार बनने से 15 दिनों तक ही मामूली सी रोक महसूस हुई थी, उन्होंने कहा कि उसके बाद में यह फिर निर्विघ्न जारी हो गया है। खहरा ने कहा कि अब जब बिली झोले में से बाहर आ गई है तो अमरिन्दर सिंह द्वारा नशे सम्बन्धित किये बड़े -बड़े दावे ठूस साबित हो गए हैं। उन्होंने कहा कि यह एक जगजाहिर सच है कि नशा पंजाब में हर जगह पर मौजूद है और हर रोज हजारों नौजवानों को अपने चंगुल में फसा रहा है।
विरोधी पक्ष के नेता ने कहा कि यह एक गंभीर ब्यान है कि जो धीमान एक आम नागरिक न हो कर सत्ताधारियों की ओर से चुना हुआ नुमाइंदा है। इस लिए इस ब्यान को गंभीरता के साथ लिया जाना चाहिए। खहरा ने कहा कि आज भी नशा पंजाब में बेरोक टोक बिक रहा है। परंतु पहले की अपेक्षा अधिक रेटों पर उपलब्ध है। खहरा ने कहा कि यहां तक कि मुख्य मंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कुछ दिन पहले ही यह ब्यान दिया था कि जो हीरोईन का नशा पहले 1500 रुपए प्रति ग्राम मिलता था, अब उसकी कीमत 5000 प्रति ग्राम हो गई है। परंतु मुख्य मंत्री ने पंजाब में नशों की सप्लाई रुक जाने के बारे में कोई बात नहीं कही। उन्होंने मांग की कि कैप्टन अमरिन्दर सिंह उन नशों के तस्करों के नाम प्रसारित करें जिनके बारे में वह कह रहे हैं कि पंजाब में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद वह सूबे को छोड़ कर भाग गए हैं।
विरोधी पक्ष के नेता ने कहा कि नशों के छोटे व्यापारियों और नशे करने वालों के खिलाफ पुलिस केस बनाना इस समस्या का कोई हल नहीं है। जब कि जरूरत इस बात की है कि नशे में शामिल बड़े तस्करों को जेल में फैंका जाए। उन्होंने कहा कि पुलिस सिर्फ उन नशा करने वाले नौजवानों को ग्रिफतार कर रही है। जो सरकार की गलत नीतियों के कारण बेरोजगारी की हालत में नशों की दलदल धंस चुके हैं। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार दौरान सुखबीर बादल ने भी इसी तरह तकरीबन 25 हजार नशा करने वाले नौजवानों को ग्रिफतार किया था। जबकि यह कार्यवाही भी बड़े मगरमच्छों को बचाने के लिए की गई थी। खहरा ने कहा कि पंजाब में नशे की सप्लाई की चैन को तोडऩे ता दावा एक साफ झूठ है और इस समस्या का एक मात्र हल सूबे में नौजवानों के लिए ओर रोजगार पैदा करना और कृषि को एक लाभदायक धंधा बनाना है। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि सूबे में नये उद्योग स्थापित करके नौजवानों को रोजगार मुहैया करवाया जाए।