सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर दिल्ली में चिकनगुनिया व डेंगू से निपटने के लिए हुई बैठक में कोई ठोस नतीजा नहीं निकलने पर सर्वोच्च न्यायालय ने गुरुवार को नाराजगी जताई। दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग की अध्यक्षता में बुधवार को एक बैठक हुई थी, जिसमें दिल्ली के मुख्यमंत्री व विभिन्न नागरिक एजेंसियों के अधिकारियों ने हिस्सा लिया था।न्यायमूर्ति मदन बी.लोकुर तथा न्यायमूर्ति अमिताव रॉय की अध्यक्षता वाली पीठ ने जिस तरह से बैठक हुई, उस पर नाराजगी जताई। इसी दौरान गुरुवार शाम 5.30 बजे एक और बैठक का सुझाव आया।सुझाव को स्वीकार करते हुए पीठ ने कहा कि बैठक को हालात से निपटने के कदमों पर केंद्रित करना चाहिए था। न्यायालय ने कहा कि उसने उम्मीद की थी कि बैठक लोकहित को ध्यान में रखकर किया जाएगा और चीजों को सकारात्मक तरीके से देखा जाएगा।
पीठ ने कहा, "हम उम्मीद करते हैं कि निश्चित समय सीमा में प्रतिभागी साथ आएंगे और इस दौरान सभी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे और उसके क्रियान्वयन के लिए वे जिम्मेदार होंगे।"न्यायालय ने कहा, "हम यह भी उम्मीद करते हैं कि प्रयास परामर्शक, सहयोगपूर्ण व सहायक होना चाहिए।"पीठ ने कहा कि बैठक में किसी भी आकस्मिक हालात से बचाव के लिए कदम उठाने पर भी चर्चा होगी। दिल्ली तथा इसके आसपास जमा कूड़ों के अंबार पर न्यायमित्र कोलिन गोन्साल्वेस द्वारा चार अक्टूबर को दाखिल प्रतिवेदन पर संज्ञान लेते हुए न्यायालय ने कहा, "दिल्ली में तथा उसके आसपास स्वच्छता व सफाई को बरकरार रखने के लिए बैठक के प्रतिभागी कूड़ों को हटाने के प्रभावी तरीकों पर भी चर्चा करेंगे।"मामले की अगली सुनवाई 17 अक्टूबर को होगी।