सोहन सिंह ठंडल जेल एवं सांस्कृतिक मामले मंत्री ने आज यहां कें द्रीय जेल में 61 लाख रुपये की लागत से नया बनाया गया राज्य का पहला और विलक्षण प्रकार के पहले ऑटो-मैटिक बेकरी यूनिट का उद्घाटन किया। यह बेकरी यूनिट राज्य में बढिय़ा किस्म के बिस्कुट और नमकीन आदि सप्लाई करने के सक्षम है और लुधियाना जेल के लिए बिस्कुटों की आपूर्ति लगाये गये टैंडर भी रद्द कर दिये गये हैं। इस समय उनके साथ मदनलाल बग्गा प्रधान शिअद, लुधियाना-1, श्री हीरा सिंह गाबडिय़ा प्रधान जिला योजना बोर्ड तथा पूर्व मंत्री, श्री संजय कुमार प्रधान सचिव गृह (जेलें) और राजपाल मीना एडीजीपी (जेलें) भी उपस्थित थे।श्री ठंडल ने बताया कि राज्य में शीघ्र ही 5 अति आधुनिक जेलों का निर्माण किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इन जेलों में बैरकों में हर संभव सुविधा मुहैया करवाई जायेगी तथा स्पोर्टस एवं योग की सुविधा दी जायेगी ताकि कैदी मानसिक और शारीरिक तौर पर तंदरूस्त रह सकें। इनके बनने से जेलों में बैरकों की कमी समाप्त हो जायेगी। उन्होंने बताया कि जेलों को आने वाले समय में असली सुधार घर बना दिया जायेगा।
समागम को संबोधित करते हुये श्री ठंडल ने बताया कि पंजाब सरकार कैदियों के कल्याण के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। जेलों में निपुण एवं मेहनती कैदियों के जीवन में सुधार लाने तथा रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए प्रशिक्षण और कार्य मुहैया करवाया जा रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि यदि राज्य की जेलों में कोई मुरम्मत या निर्माण का कार्य करवाना होता है, उसके लिए लेबर मिस्त्री आदि जेल के भीतर से ही लिये जाते हैं और उनको मेहनताना भी मार्किट रेटों अनुसार दिया जाता है। उन्होंने बताया कि ऐसा होने से जहां कैदियों के जीवन में सुधार आयेगा वहीं परिवार के पालन पोषण हेतू रोजगार भी जेल में ही मिल सकेगा। उन्होंने बताया कि सीखने के इच्छुक कैदियो के लिए जेल के भीतर ही व्यवसायिक प्रशिक्षण, कंपयूटर बेकरी, फर्नीचर, सिलाई तथा कपड़े आदि का भी प्रशिक्षण दिया जाता है।श्री ठंडल ने जेल में बेकरी यूनिट, फर्नीचर तथा कपड़े आदि से वस्तुएं बनाने वाले यूनिट का दौरा किया तथा बेकरी यूनिट के कर्मचारियों के सलीके, हाथों में दस्ताने एवं योग्य पहरावे से बेहद प्रभावित हुये। इस अवसर पर उपस्थित जेल अधीक्षक श्री एसपी खन्ना ने बताया कि यह ऑटो-मैटिक बेकरी यूनिट जहां उच्च क्वालिटी के 15-20 क्विंटल बिस्कुट और नमकीन रोज़ाना बनाने के समर्थ हैं वहीं 100 के लगभग कैदियों को रोजगार देने के भी सक्षम हैं। इस अवसर पर अन्य के अतिरिक्त डी आई जी जेलें श्री लखमिंदर सिंह तथा अन्य अधिकारी उपस्थित थे।