सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता और भूतपूर्व सैनिक कल्याण मंत्री डा. (कर्नल) धनीराम शांडिल ने कहा कि प्रदेश सरकार अनुसूचित जाति व समाज के अन्य सभी कमजोर वर्गों के कल्याण को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है। इसी कड़ी में कुल बजट का 25 प्रतिशत भाग अनुसूचित जाति उपयोजना के लिए आवंटित किया गया है।बुधवार को जिला परिषद के सम्मेलन कक्ष में अनुसूचित जाति उपयोजना की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए डा. (कर्नल) शांडिल ने यह जानकारी दी।उन्होंने बताया कि कुल्लू जिला के लिए इस वित वर्ष में उपयोजना के तहत 29 करोड़ रुपये से अधिक का बजट रखा गया है। इसके अलावा बीस सूत्रीय कार्यक्रम के तहत जिला में अनुसूचित जाति के 561 परिवारों को लाभान्वित किया जाएगा। इनमें से 492 परिवारों को पहली तिमाही में ही लाभान्वित किया जा चुका है।डा. (कर्नल) शांडिल ने बताया कि वित वर्ष 2014-15 में उपयोजना के अंतर्गत विभिन्न विभागों के माध्यम से जिला के लिए आवंटित बजट से भी कहीं अधिक 114 प्रतिशत धनराशि खर्च की गई है।
इस दौरान बीस सूत्रीय कार्यक्रम के अंतर्गत जिला में अनुसूचित जाति के 108 परिवारों को लाभान्वित करने का लक्ष्य रखा गया था लेकिन विभाग ने लक्ष्य से कई गुणा आगे बढ़ते हुए 2088 परिवारों को लाभान्वित किया। यह एक बहुत बड़ी उपलब्धि है।उन्होंने कहा कि विकास कार्यों के लिए उपलब्ध करवाई गई धनराशि को विभागीय अधिकारियों द्वारा सही तरीके से खर्च किया जाना चाहिए, ताकि पात्र व्यक्तियों को योजनाओं का लाभ मिल सके। उन्होंने आईपीएच विभाग के अधिकारियों से कहा कि जिला के विभिन्न कस्बों की सीवरेज व्यवस्था को सुदृढ़ करने के धन की कमी नहीं आने दी जाएगी। डा. (कर्नल) शांडिल ने बताया कि जिला कुल्लू में बागवानी और कृषि क्षेत्र पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। इससे स्थानीय युवाओं को घरद्वार पर ही रोजगार के अवसर मिलेंगे।बैठक में लोक निर्माण विभाग, आईपीएच, ग्रामीण विकास, कृषि, उद्यान, पशुपालन, वन, मत्स्य पालन, सहकारिता, ऊर्जा और कई अन्य विभागों के विकास कार्यों पर व्यापक चर्चा की गई। इस अवसर पर डा. (कर्नल) शांडिल का स्वागत करते हुए सहायक आयुक्त सिद्धार्थ आचार्य ने आश्वासन दिया कि उनके निर्देशों की अनुपालना सुनिश्चित करते हुए विभिन्न योजनाओं का लाभ पात्र लोगों तक पहुंचाया जाएगा।