थानेसर हलके से इनेलो प्रत्याशी अशोक अरोड़ा ने मतदाताओं से गुण दोष के आधार पर आंकलन करके वोट देने की अपील करते हुए कहा कि मतदाता अंतर्रात्मा की आवाज पर वोट दें और वोट डालने से पहले एक बार अवश्य सोचें की उनके वोट का सही हकदार कौन है? श्री अरोड़ा ने कहा कि आज से 25 वर्ष पहले वे जिस पार्टी से विधायक बनें थे आज भी उसी पार्टी से चुनाव लड़ रह रहे हैं, जबकि उनके विरोधी प्रत्याशी ने 25 वर्षों में अनेक बार कपड़ों की तरह पार्टियां बदली हैं। अपने राजनैतिक जीवन में उन्होंने कभी भी किसी का बुरा नहीं किया और न ही कोई यह कह सकता है कि किसी से रिश्वत ली हो। उनका राजनैतिक जीवन एक खुली किताब है। 25 वर्ष के राजनैतिक जीवन में उन्हें 19 वर्ष विपक्ष में रहने का मौका मिला। सत्ता में रहते हुए जहां जनता के हित के काम किए वहीं विपक्ष में रहते हुए जनता की आवाज उठाई।
उन्होंने कहा कि थानेसर हलके की जनता ने उन्हें चार बार विधायक बनाकर जो चौधर सौंपी हुई है वह जनता की चौधर है। उन्हें उम्मीद है कि जनता अपनी इस चौधर को कायम रखने के लिए इस चुनाव में भी उनका सहयोग और समर्थन करेगी। श्री अरोड़ा ने मतदाताओं से अपील की कि वोट डालने से पहले सभी प्रत्याशियों का चरित्र और व्यवहार अवश्य आंकें। जब सत्ता में रहने का मौका आया तो कुरुक्षेत्र के विकास में कोई कसर नहीं छोड़ी। यहां के युवाओं को भी इनेलो के शासन में उनकी योग्यता के आधार पर नौकरियों में पूरा हिस्सा मिला। भाजपा प्रत्याशी दस वर्ष से कांग्रेस में थे, जब कांग्रेस के राज में इस इलाके की अनदेखी की गई तो उन्होंने कभी भी इस अनदेखी के विरुद्ध आवाज नहीं उठाई। अपने स्वार्थ के लिए अब वे भाजपा का चोला पहनकर चुनाव मैदान में आए हैं। जहां तक कांग्रेस की बात है, कांग्रेस ने इस इलाके के युवाओं के हितों के साथ खिलवाड़ किया। अरोड़ा ने मतदाताओं से अपील की कि वे प्रत्येक उम्मीदवार को अपनी कसौटी पर परखे, यदि उनके और अन्य प्रत्याशियों में जमीन आसमान का अंतर हो तो एक बार फिर सेवा करने का मौका अवश्य दें। उन्होंने कहा कि इस हलके की जनता के साथ उनका पारिवारिक रिश्ता है और जो मान-सम्मान जनता ने उन्हें दिया है उसका ऋण वे कभी नहीं उतार सकता।