हरियाणा के मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा आज खुलकर केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ आ डटे। किसानों के मुद्दों पर केंद्र को घेरते हुए हुड्डा ने केंद्र सरकार को अल्टीमेटम दिया है कि अगर जल्द ही सकारात्मक कदम नहीं उठाए गए तो वे कड़ा कदम उठाने से भी पीछे नहीं हटेंगे। तरावड़ी व गुहला में किसानों से सीधे संवाद में हुड्डा ने बासमती चावल व कपास की कीमतों में आई गिरावट, डीजल के बढ़े दामों, सूखे से ग्रस्त किसानों की समस्याओं व गेहूं पर बोनस आदि के मुद्दे पर केंद्र सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि किसानों की अनदेखी अब बर्दाश्त नहीं होगी।खुद को किसानों के दर्द से जोड़ते हुए हुड्डा ने केंद्र को ललकारते हुए कहा कि वे मुख्यमंत्री के संवैधानिक पद पर हैं और संविधान की इज्जत करते हूं लेकिन दिल करता है कि केंद्र के खिलाफ मैं यहींही धरने पर बैठ जाऊं। फिर हुड्डा ने केंद्र को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर किसानों के मसले हल नहीं किए गए तो वे कड़े कदम उठाने को मजबूर होंगे। किसानों से सवाल करते हुए हुड्डा ने कहा कि अगर मैं केंद्र सरकार के खिलाफ कड़ा कदम उठाता हूं तो मेरा साथ दोगे, इस पर किसानों ने एकमत स्वर में हां कहते हुए हुड्डा का समर्थन किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों की आज जो हालात है, वह दयनीय है।
उन्होंने कहा कि मैंने प्रधानमंत्री नरेंद मोदी को गेहूं पर बोनस लिखने के लिए पत्र लिखा लेकिन इसका आज तक कोई जवाब नहीं आया। इसी तरह से अंतरराष्ट्रीय मार्केट में कच्चे तेल की कीमतों में आई गिरावट के हिसाब से देश में डीजल की कीमतों में कटौती करने की मांग की गई लेकिन केंद्र सरकार ने इस दिशा में भी कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाया। हुड्डा ने कहा कि यूपीए सरकार के कार्यकाल के दौरान बासमती चावल 4500 रुपये प्रति क्विंटल तब बिकता था और आज 2200 रुपये से अधिक के दाम किसानों को नहीं मिल रहे हैं। कपास का उत्पादन करने वाले किसानों के साथ भी ऐसा ही हो रहा है। छह हजार रुपये प्रति क्विंटल तक कपास की फसल बिका करती थी और आज किसानों को चार हजार रुपये भी नहीं मिलते। इन मुद्दों पर केंद्र को घेरते हुए हुड्डा ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार जवाब दे कि वह कहां से किसान हितैषी है।
नीलोखड़ी से कांग्रेस उम्मीदवार ज्ञान चंद सहोता के समर्थन में किसानों एवं लोगों से वोटों की अपील करते हुए हुड्डा ने कहा कि आज उनके द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में जुड़ी भीड़ इस बात का प्रमाण है कि ज्ञानचंद का आप लोगों के बीच अच्छा रसूक है और वे आम जनमानस से जुड़े हुए नेता हैं। विपक्षी दलों पर हमला बोलते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि चुनाव में बहुत सी पाॢटयां आएंगी, लेकिन किसी के बहकावे में आने की जरूरत नहीं है। आज आप लोगों के पास मौका है और आपको पूरी समझ-बूझ के साथ काम लेना है। पिछले दस वर्षों में मैंने किसानों के लिए क्या किया, यह मुझे बताने की जरूरत नहीं है। आप लोग खुद ही इसके गवाह हैं और मुझे उम्मीद है कि विकास की इस रफ्तार को और तेजी से जारी रखने के लिए पूरे प्रदेश के किसान कांग्रेस का साथ देंगे।
भाजपा सरकार पर पलटवार करते हुए हुड्डा ने कहा कि लोकसभा चुनावों में भाजपा की नीतियों पर नहीं बल्कि एक व्यक्ति विशेष की लहर बनाकर माहौल तैयार किया गया था। किसानों को बरगलाया गया कि सत्ता संभालते ही स्वामीनाथन रिपोर्ट लागू की जाएगी। मैं पूछना चाहता हूं केंद्र की सरकार से कि क्यों नहीं अभी तक स्वामीनाथन रिपोर्ट लागू की गई। मोदी द्वारा दिए गए नारे 'अच्छे दिन आने वाले हैं, पर चुटकी लेते हुए हुड्डा ने किसानों से ही पूछा कि आप खुद ही बताएं कि क्या आपके अच्छे दिन शुरू हुए हैं। केंद्र ने जिस तरह से चावल का निर्याता रोका है, उससे तो ऐसा लगता है जैसे किसानों के बुरे दिनों की शुरूआत हो गई है। किसानों का हौसला बढ़ाते हुए हुड्डा ने कहा कि आप लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है, मैं आपके साथ खड़ा हूं और आपके किसी भी हक को मरने नहीं दूंगा। इसके लिए चाहे मुझे केंद्र से सीधी ही टक्कर क्यों न लेनी पड़े।
जनसभा में मौजूद महिलाओं से सवाल करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि घर चलाने में महिलाओं की सबसे बड़ी भूमिका है, आप बताएं कि आज आलू, प्याज, टमाटर किस भाव मिल रहा है। हुड्डा ने इस मुद्दे पर एक विज्ञापन का जिक्र भी किया, जिसमें टमाटर बेचने वाला टमाटर तोलते हुए चाकू से आधा टमाटर काटता है। जब खरीददार महिला पूछती है कि टमाटर काटा क्यों तो वह जवाब देता है कि काटूंगा नहीं तो मेरे जेब से जाएगा। मंडी में इतने महंगे हो गए हैं टमाटर कि तोल में माशा भर भी अधिक नहीं होने देते बड़े आढ़ती। उत्तर प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, बिहार, उत्तराखंड व झारखंड में हुए विधानसभा उपचुनावों में भाजपा की करारी हार पर टिप्पणी करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र की सरकार सौ ही दिनों में अपनी लोकप्रियता खो बैठी है। हुड्डा ने कहा कि भाजपा के पास किसान, मजदूर एवं गरीब के लिए कोई नीति नहीं है। भाजपा केवल धनाढ्य लोगों की पार्टी है।
मंडियों का दौरा भी किया हुड्डा ने
तरावड़ी व गुहला में चुनावी जनसभा के बाद मुख्यमंत्री भूपेंद्र ङ्क्षसह ने इन शहरों की अनाजमंडियों का भी दौरा किया और आढ़तियों से सीधे संवाद किया। मुख्यमंत्री ने उनकी समस्याएं भी सुनीं। मंडियों में मौजूद धान उत्पादक किसानों ने अपना दर्द मुख्यमंत्री को सुनाया। उन्होंने बताया कि किस तरह से चावल का निर्यात नहीं होने की वजह से उन्हें 1500 रुपये तक प्रति क्विंटल का नुकसान हो रहा है। मुख्यमंत्री ने इसके लिए केंद्र को ही जिम्मेदार ठहराया और कहा कि वे किसानों के साथ अन्याय नहीं होने देंगे।
ये मुद्दे उठाए हुड्डा ने
-कांग्रेस सरकार ने किसानों के ऋण पर ब्याज पूरी तरह से माफ कर दिया। समय पर कर्जा देने वाले किसानों के ब्याज का भुगतान सरकार अपने खजाने से करेगी।
-किसानों के सहकारी बैंकों के 450 करोड़ रुपये के कर्जे माफ किए।
-काम के दौरान मृत्यु होने पर किसान-मजदूर के परिवार वालों को पांच लाख रुपये की आॢथक सहायता का फैसला लिया।
-सूखा, बाढ़ व आपदा में फसलें बर्बाद होने पर किसानों को मुआवजा देने का फैसला लिया गया।
-हरियाणा ऐसा राज्य है, जहां किसानों को 10 पैसे प्रति यूनिट बिजली दी जा रही है।
जनसभा में यूं लिए लोगों ने चटकारे
किसानों की जनसभा के दौरान कुछ किसानों ने नारा लगाया 'हुड्डा तेरे राज मै, जीरी गई जहाज मैं '। इसके साथ ही कई किसानों ने इनेलो व भाजपा पर हमला बोलते हुए नारा दिया 'भाजपा-इनेलो तेरे राज मै, जीरी गई ब्याज मै, अर पराली गई लिहाज मै '। इस नारे के बाद जनसभा में जमकर ठहाके लगे।