Sunday, 26 March 2023

 

 

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सरकारी स्कूलों में करोड़ों रुपए खर्च करने के बाद भी पेयजल व स्कूल भवन जैसी मूलभूत सुविधाएं नहीं

Web Admin

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5 दरिया न्यूज (विजयेन्दर शर्मा)

शिमला , 15 Jan 2013

प्रदेश के सरकारी स्कूलों में करोड़ों रुपए खर्च करने के बाद भी पेयजल व स्कूल भवन जैसी मूलभूत सुविधाएं नहीं है। स्कूलों में इससे विद्यार्थियों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। राज्य में आज भी बहुत सी ऐसी सरकारी पाठशालाएं हैं, जहां पीने के लिए पानी, बैठने को कमरे, पुस्तकालय, खेल मैदान, शौचालय, किचन शैड इत्यादि की व्यवस्था नहीं है। इससे सरकारी स्कूल निजी स्कूलों से प्रतियोगिता में पिछड़ रहे हैं। अब इन सुविधाओं को जुटाने की जिम्मेदारी राज्य में सत्तासीन वीरभद्र सिंह सरकार की रहेगी। शिक्षा विभाग के मुताबिक प्रदेश मे 234 पाठशालाएं ऐसी हैं,जिनमें पीने के लिए पेयजल की व्यवस्था नहीं हैं। छात्रों को इससे विशेषकर गर्मियों में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इसी प्रकार प्रदेश में आज भी 10 पाठशालाएं ऐसी हैं,जहां स्कूल की अमूल्य निधि स्कूल भवन ही नहीं हैं। ऐसी पाठशालाओं में बच्चों को विशेषकर बरसात, सर्दी व गर्मी के दिनों में अधिक दिक्कतें झेलनी पड़ती हैं। प्रदेश में 5937 स्कूल ऐसे हैं, जिनमें खेल मैदान की व्यवस्था नहीं हैं, जबकि अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) के तहत प्रत्येक पाठशाला में खेल मैदान होना आवश्यक है। राज्य की 494 पाठशालाओं में शौचालय नहीं बन पाए हैं। इससे छात्र खुले में ही शौच करते हैं, जो कि हिमाचल को बाह्य शौचमुक्त करने में आड़े आ रहा है। जिन स्कूलों में शौचालय निर्मित हो चुके हैं, वहां पानी के अभाव में शौचालय प्रयोग नहीं किए जा रहे हैं। राज्य के 8729 स्कूलों चारदीवारी तथा 4872 पाठशालाओं में बिजली की व्यवस्था नहीं है,जबकि आरटीई अधिनियम में चारदीवारी व बिजली समेत पाठशाला भवन, शौचालय, पेयजल, खेल मैदान को अनिवार्य किया गया है। राज्य सरकार को उक्त सुविधाएं नवंबर-2013 तक आवश्यक रूप से उपलब्ध करवानी होंगी। ऐसा न होने की सूरत में केंद्र सरकार ग्रांट पर रोक लगाएगी। सरकारी स्कूलों में मूलभूत सुविधाएं न होने से अभिभावक निजी स्कूलों को तरजीह दे रहे हैं। सरकारी स्कूल इससे खाली हो रहे हैं। प्रारंभिक शिक्षा निदेशक राजीव शर्मा के मुताबिक सरकारी स्कूलों में मूलभूत सुविधाएं सुधारी जा रही हैं। विभाग शीघ्र ही आरटीई के प्रावधान पूरे कर लेगा।

 

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