नारायणगढ़ के गांव गोकल गढ़ के निकट एक ईंट भट्ठा मालिक द्वारा उच्च न्यायालय के आदेशों की सरेआम अवहेलना की जा रही है। हरियाणा में खनन कार्य पर पूर्ण रूप से पाबंदी होने के बावजूद भट्टे पर ईंटे बनाने का काम जारी है लेकिन अधिकारीयों द्वारा भट्ठा मालिकों के खिलाफ कोई कारवाई न करना अधिकारियों की कार्यशैली पर प्रश्न चिह्न लगाता है।गांव गोकलगढ़ के निकट डी.आर.बी. ईंट भट्ठे पर ईंट बनाने का काम किया जा रहा है। जबकि उच्च न्यायालय ने हरियाण में खनन पर प्रतिबंध लगा रखा है व सभी भट्ठों को माईनिंग विभाग व पर्यावरण प्रदुषण विभाग से एन.ओ.सी.लेकर ही भट्ठे चलाने के आदेश दिए हुए हैं।पर्यावरण विभाग की शर्तों के अनसार ईंट भटठा सड़क से देर लगा होना चाहिये व मालिक को भट्ठे की जगह के आस पास के लोगों से शपथ पत्र लेना भी जरूरी है लेकिन यह भटठा सड़क के उपर ही लगाया गया है और न्यायालय के आदेशों की उल्घना करते हुए खनन विभाग व पर्यावरण विभाग से एन.ओ.सी. भी नहीं ली गई है। ईंट बनाने के लिए मिट्टी व रेत की आवश्यकता होती है और खेतों से मिट्टी उठाने पर न्यायालय द्वारा रोक लगाई हुई है। बावजूद इसके डी.आर.बी.भट्ठा मालिक ईंटे बनाने का काम सरेआम कर रहा है और प्रशासनिक अधिकारी आंखें बंद कर तमाशा देखने में लगे हुए हैं।सूचना मिलने के बाद मिडिया की टीम वहा पहुचने पर डीआरबी भट्ठे पर पंहुची तो देखा कि भट्ठे पर जे सी बी मशीन से अवैध रूप से मिट्टी खोदकर मजदूर ईंटे बनाने के कार्य में लगे हुए थे और तैयार कच्ची ईंटों को स्टॉक किया जा रहा था। जब भट्ठा मालिक से इस बारे पूछा गया तो वह कोई संतोषजनक उत्तर नहीं दे पाया और न ही भट्ठे पर किसी विभाग की ओर से जारी एन.ओ.सी. के कोई कागजात मौजूद थे। इतने बड़े स्तर पर ईंटें बनाने का काम पिछले लगभग पंद्रह दिनों से किया जा रहा है लेकिन अधिकारीयों द्वारा भट्ठा मालिकों के खिलाफ कोई कारवाई न करना अधिकारियों की कार्यशैली पर प्रश्न चिह्न लगाता है।